Google Doodle PL Deshpande: गूगल ने डूडल बनाकर जिन्हें किया है याद, जानिए कौन थे पीएल देशपांडे, आज 101वीं जयंती

By विनीत कुमार | Updated: November 8, 2020 07:30 IST2020-11-08T07:15:49+5:302020-11-08T07:30:16+5:30

Google Doodle On PL Deshpande: आज पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे की 101वीं जयंती है। इस मौके पर गूगल ने उन्हें याद करते हुए खास डूडल बनाया है। इसे मुंबई के समीर कुलावूर ने तैयार किया है।

Google Doodle on Pu La Deshpande 101st birth anniversary designed by Mumbai artist Sameer Kulavoor | Google Doodle PL Deshpande: गूगल ने डूडल बनाकर जिन्हें किया है याद, जानिए कौन थे पीएल देशपांडे, आज 101वीं जयंती

गूगल ने पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे पर बनाया है खास डूडल

Highlightsगूगल ने पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे को याद कर बनाया आज खास डूडललेखक से लेकर संगीतकार, वादक, एक्टर, डायरेक्टर रहे पुरुषोत्तम देशपांडे का ये डूडल मुंबई के आर्टिस्ट समीर कुलावूर ने किया है तैयार

Google Doodle On PL Deshpande: गूगल ने आज खास डूडल बनाकर पुरुषोत्तम लक्ष्मण देशपांडे ( Purushottam Laxman Deshpande) को याद किया है। आज इनकी 101वीं जयंती है। इस गूगल डूडल को मुंबई के एक आर्टिस्ट समीर कुलावूर ने तैयार किया है।

एक लेखक, संगीतकार, वादक, एक्टर, डायरेक्टर और सामाजिक कार्यों के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले PL Deshpande गूगग डूडल की इस तस्वीर में हारमोनियम बजाते नजर आते हैं। महाराष्ट्र के लाडले व्यक्तित्व में से एक पीएल देशपांडे का साहित्य अंग्रेजी और कन्नड़ समेत कई भाषाओं में मौजूद है। 

पीएल देशपांडे पर गूगल डूडल बनाने वाले कुलावुर के अनुसार के अनुसार, 'मुंबई/महाराष्ट्र में जन्म और पालन-पोषण होने के कारण, Pu La Deshpande का नाम लगातार आता रहता है। खासकर संगीत, लेखन, फ़िल्में, थिएटर, साहित्य आदि के क्षेत्र में वे अक्सर चर्ता में आते हैं। उनमें जीवन की हर छोटी-बड़ी बात को गहराई से देखने की क्षमता थी, और कोई भी अपने साहित्यिक कार्यों में इसे देख सकता है। एक बहुत लोकप्रिय मराठी गीत है जिसे हमने स्कूल में सुना था- 'नाच रे मोरा'- मुझे बहुत बाद में पता चला कि कि गीत की रचना उन्होंने की थी।'

पीएल देशपांडे का मुंबई में हुआ था जन्म

पीएल देशपांडे का जन्म 8 नवंबर 1919 को मुंबई में हुआ था। उनके परिवार का साहित्य से लगाव पुराना था। दूसरे शब्दों में कहें तो पीएल देशपांडे को साहित्य विरासत में मिला था। उनके दादा ने रवींद्रनाथ टैगोर की 'गीतांजलि' का मराठी में अनुवाद किया था।

शुरुआत में पीएल देशपांडे का परिवार पहले मुंबई में ग्रांट रोड पर रहता था। फिर वे मुंबई के सारस्वत बाग कॉलोनी में आकर बस गए। यहां जीवन के शुरुआती आठ साल पीएल देशपांडे ने बिताए। इसके बाद उनका परिवार विले पार्ले में जाकर रहने लगा।

पीएल देशपांडे के लेखन ने विभिन्न प्रारूपों में- उपन्यासों और निबंधों से लेकर नाटकों और वन-मैन स्टेज शो तक थे। उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय और निर्देशन भी किया। साल 2018 में नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया (NFAI) ने उनकी जयंती के 100 वर्ष के मौके पर उनके हिंदी और मराठी फिल्म के पोस्टरों की प्रदर्शनी का आयोजन किया। 

प्रदर्शनी में उनके क्लासिक फिल्म 'गुलाचा गणपति' के लिए हाथ से लिखी गई स्क्रिप्ट की मूल प्रति भी शामिल थी, जो उस फिल्म के निर्माता रहे राजगुरु के परिवार के सदस्यों द्वारा 2015 में NFAI को सौपीं गई थी।

हंसी-ठिठोली का स्वाभाव, पंडित नेहरू का लिया था इंटरव्यू

पुरुषोत्तम देशपांडे बहुत हंसी-मजाक और व्यंग्य करने वाले शख्स थे। उनकी लेखन में भी यही प्रवाह नजर आता था। देशपांडे ने दूरदर्शन में भी काम किया और वह पहले शख्स थे जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू का इंटरव्यू लिया था। बाद में इंदिरा गांधी के दौर में इमरजेंसी लगाए जाने के वे मुखर आलोचक बने और जयप्रकाश नारायण की 'मेरी जेल डायरी' का मराठी में अनुवाद भी किया।

उन्हें 1966 में पद्मश्री, 1967 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1987 में कालिदास सम्मान, 1990 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा 1993 में पुण्य भूषण, 1996 में महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड से भी नवाजा गया। उनका निधन 12 जून 2000 को पुणे में हुआ।

Web Title: Google Doodle on Pu La Deshpande 101st birth anniversary designed by Mumbai artist Sameer Kulavoor

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