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Google Doodle: गूगल ने प्रोफेसर उडुपी रामचंद्र राव पर बनाया है खास डूडल, जानें क्यों कहते हैं इन्हें 'सैटेलाइट मैन ऑफ इंडिया'

By विनीत कुमार | Updated: March 10, 2021 08:01 IST

Google Doodle: गूगल ने आज खास डूडल भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक प्रोफेसर उडुपी रामचंद्र राव को लेकर बनाया है। आज प्रोफेसर राव का जन्मदिन है।

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ठळक मुद्दे प्रोफेसर उडुपी रामचंद्र राव का 89वां जन्मदिन आज, अंतरिक्ष विज्ञान में अहम योगदानप्रोफेसर राव का निधन साल 2017 में हो गया था, भारत ने इनके नेतृत्व में अपना पहला सैटेलाइट भेजा थाप्रोफेसर उडुपी रामचंद्र राव इसरो के दस साल तक चेयरमैन भी रहे

Google Doodle: गूगल कई खास मौकों पर दिलचस्प डूडल लेकर आता रहता है। ऐसा ही मौका आज यानी 10 मार्च का भी है। गूगल ने बेहत प्यारा डूडल आज बनाया है। ये डूडल भारतीय वैज्ञानिक प्रोफेसर उडुपी रामचंद्र राव को समर्पित है। गूगल ने प्रोफेसर राव के 89वें जन्मदिन के मौके पर ये खास डूडल बनाया है।

प्रोफेसर राव का निधन साल 2017 में हो गया था। एक समय भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन रहे प्रोफेसर उडुपी राव को 'सैटेलाइट मैन ऑफ इंडिया' भी कहा जाता है। दरअसल साल 1975 में भारत ने उनके नेतृत्व में अपने पहले उपग्रह आर्यभट्ट को अंतिरक्ष में सफलतापूर्वक भेजा था।

Google Doodle: प्रोफेसर उडुपी रामचंद्र राव का कर्नाटक में जन्म

प्रोफेसर राव का जन्म 1932 में कर्नाटक के उडुपी जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। बेहद साधारण परिवार से आने वाले प्रोफेसर राव के नेतृत्व में भारत ने आर्यभट्ट सहित करीब 20 से अधिक सैटेलाइट डिजाइन और तैयार किए। साथ ही उन्हें अंतरिक्ष में भी प्रक्षेपित किया गया।

प्रोफेसर राव ने अपने करियर की शुरुआत कॉस्मिक-रे फिजिसिस्ट और भारतीय स्पेस प्रोग्राम के पितामह के तौर पर पहचाने जाने वाले डॉ. विक्रम साराभाई के सहयोगी के तौर पर शुरू किया। वे अमेरिका भी गए और नासा के लिए भी काम किया।

Google Doodle: 10 साल तक रहे इसरो के चेयरमैन

प्रोफेसर राव 1966 में भारत लौटे। साल 1975 में भारत ने अपना पहला सैटेलाइट 'आर्यभट्ट' उनके ही नेतृत्व में छोड़ा। साल 1984 से 1994 तक वे इसरो के चेयरमैन भी रहे।

साल 2013 में सोसायटी ऑफ सैटेलाइट प्रोफेशनल्स इंटरनेशनल्स ने प्रोफेसर राव को 'सैटेलाइट हॉल ऑफ फेम' में भी शामिल किया। यही वो साल भी था जब भारत ने 'मंगलयान' मिशन लॉन्च किया।

प्रोफेसर राव के योगदान के लिए उन्हें साल 1976 में देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वहीं, साल 2017 में पद्म विभूषण भी दिया गया। 24 जुलाई, 2017 को 85 वर्ष की उम्र में प्रोफेसर राव का निधन हो गया।

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