मिर्जा गालिब के 220वें जन्मदिन पर गूगल ने समर्पित किया खास डूडल
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: December 27, 2017 08:58 AM2017-12-27T08:58:37+5:302017-12-27T09:22:15+5:30
गूगल ने आज अपना डूडल उर्दू के इस महान मिर्जा गालिब को समर्पित किया है।
महान शायर मिर्जा गालिब की आज 220वीं जयंती है। गूगल ने आज अपना डूडल उर्दू के इस महान शायर को समर्पित किया है। मिर्जा का जन्म 27 दिसंबर 1797 को मुगल शासक बहादुर शाह के शासनकाल के दौरान आगरा के एक सैन्य परिवार में हुआ था। उन्होंने फारसी, उर्दू और अरबी भाषा की पढ़ाई की थी। मिर्जा गालिब का पूरा नाम मिर्जा असल-उल्लाह बेग खां था। गूगूल डूडल में मिर्जा हाथ में पेन और पेपर के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं और उनके बैकग्राउंड में बनी इमारत मुगलकालीन वास्तुकला के दर्शन करा रही है।
कौन थे मिर्जा गालिब
छोटी उम्र में ही गालिब के पिता की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद उनके चाचा ने उन्हें पाला, लेकिन उनका साथ भी लंबे वक्त तक नहीं रहा। चाचा के बाद उनकी परवरिश नाना-नानी ने की। गालिब का विवाह 13 साल की उम्र में उमराव बेगम से हो गया था। शादी के बाद वे दिल्ली आ गए और उनकी पूरी जिंदगी यहीं बीती। वह 11 वर्ष की उम्र से शेर कहने लगे थे।
सन् 1841 में गालिब की गजलों का पहला संग्रह दीवान-ए-गालिब के नाम से प्रकाशित हुआ। 1869 में इस अदीब का इंतकाल हो गया।कहते थे कुछ लोग हैं जिनकी रोजी-रोटी उन जैसे इंसानों से ही चलती है, फिर क्यों ऐसे लोगों को क्यों बेरोजगार कर उनके पेट पर लात मारी जाए। गालिब का कहना था कि जरूरत थैले की हो तो बोरा मांगो, निराश नहीं होगे।