गोमती नगर स्टेशन का नाम ‘क्रांतिकारी वीरांगना उदा देवी स्टेशन’ हो, बसपा ने की मांग
By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 3, 2021 22:05 IST2021-08-03T21:51:13+5:302021-08-03T22:05:23+5:30
उत्तर प्रदेश सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगन रानी लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन करने का प्रस्ताव रेलवे को भेजा है।

गौरतलब है कि किसी स्थान या स्टेशन का नाम बदलने की स्वीकृति केंद्रीय गृह मंत्रालय देता है।
लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में है। भाजपा, सपा और बसपा तैयारी में जुटे हैं। इस बीच, बीएसपी के नेशनल कोर्डिनेटर आकाश आनंद ने लखनऊ के गोमती नगर स्टेशन का नाम 1857 की क्रांतिकारी वीरांगना उदा देवी के नाम पर करने की मांग की है। गौरतलब है कि किसी स्थान या स्टेशन का नाम बदलने की स्वीकृति केंद्रीय गृह मंत्रालय देता है।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगन रानी लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन करने का प्रस्ताव रेलवे को भेजा है। क्रांतिकारी उदा देवी अवध की महिला सैनिक दल की नेता थीं और 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में लखनऊ के सिकंदरबाग में 36 अंग्रेजों को मौत के घाट उतार दिया था। उस घटना की याद में सिकंदरबाग में वीरांगना उदा देवी की मूर्ति स्थापित है।
यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को झांसी रेलवे स्टेशन का नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन करने का प्रस्ताव भेजा है
— Akash Anand (@AnandAkash_BSP) August 3, 2021
मैं इस प्रस्ताव का स्वागत करता हूं, लेकिन साथ ही सरकार लखनऊ के गोमती नगर रेलवे स्टेशन का नाम 'वीरांगना उदा देवी' के नाम पर रखे। pic.twitter.com/2ZeuRuQCqF
झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन’ करना चाहती है उत्तर प्रदेश सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन’ करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। सरकार ने लोकसभा को मंगलवार को बताया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि झांसी रेलवे स्टेशन का नाम ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन’ करने का प्रस्ताव मिलने के बाद तय प्रक्रिया के अनुसार संबंधित एजेंसियों की टिप्पणियां तथा विचार आमंत्रित किये गये हैं।
उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि संबंधित एजेंसियों से विचार मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।रेल मंत्रालय और डाक तथा भारतीय सर्वेक्षण विभागों से अनापत्ति मिलने के बाद इसके लिए स्वीकृति दी जाती है।