अहमदाबाद, 27 अगस्त: 27 फरवरी 2002 में हुए गोधरा कांड मामले में एसआईटी कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पांच में से दो और लोगों को दोषी ठहराया है। इसके साथ ही अन्य तीन को बरी कर दिया। मामले में दोषी करार किए गए इमरान उर्फ शेरू भटुक और फारूक भाना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं, हुस्सैन सुलेमान मोहन, कासम भमेड़ी और फारूक धांतिया को बरी कर दिया गया था। ये सभी पांचों गोधरा के ही निवासी हैं। साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बों में गोधरा स्टेशन पर हुए अग्निकांड में 59 लोग जिंदा जल गए थे। इनमें से 50 लोग कार सेवक थे।
बता दें कि गोधरा स्टेशन पर हुई इस घटना के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस मामले में तकरीबन 94 आरोपी मुस्लिल थे, जिनपर हत्या और प्लानिंग का आरोप लगा था। लेकिन हाईकोर्ट ने फांसी की सजा पाए 11 दोषियों की सजा को भी उम्रकैद में तब्दील कर दिया।
क्या था मामला
बता दें कि अहमदाबाद से लगभग 130 किलोमीटर दूर गोधरा स्टेशन पर फरवरी, 2002 में साबरमती एक्सप्रेस के कोच में आग लगा दी गई थी। उसमें 59 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। जिनमें से 50 से अधिक लोग अयोध्या से लौट रहे कारसेवक थे।
(भाषा इनपुट)