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Goa: दिग्गज दिवंगत नेता मनोहर पर्रिकर की छाया से बाहर निकले प्रमोद सावंत, जानिए राजनीतिक करियर के बारे में

By भाषा | Updated: March 21, 2022 20:47 IST

Goa: गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि गोवा के 40 विधायकों में से 25 (भाजपा के 20, एमजीपी के दो और तीन निर्दलीय) प्रमोद सावंत का समर्थन कर रहे हैं। 

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ठळक मुद्देगोवा के राज्यपाल ने प्रमोद सावंत को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।भाजपा अपने दिग्गज दिवंगत नेता मनोहर पर्रिकर की छाया से बाहर आ गई है।गोवा में भाजपा विधायक दल की बैठक में सोमवार को प्रमोद सावंत को सर्वसम्मति से नेता चुना गया।

पणजीः गोवा के विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश की आशंका को धत्ता बताते हुए पार्टी को विजय दिलाने में सफल रहे भाजपा नेता प्रमोद सावंत एक बार फिर राज्य की कमान संभालने जा रहे हैं। इसके साथ ही यह घटनाक्रम दिखाता है कि भाजपा अपने दिग्गज दिवंगत नेता मनोहर पर्रिकर की छाया से बाहर आ गई है।

गोवा में भाजपा विधायक दल की बैठक में सोमवार को प्रमोद सावंत को सर्वसम्मति से नेता चुना गया। इसके साथ ही पर्रिकर को अपना गुरु मानने वाले सावंत लगातार दूसरी बार गोवा के मुख्यमंत्री का पदभार संभालेंगे। पणजी में सोमवार शाम को भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में मुख्यमंत्री पद के लिए सावंत का नाम तय किया गया।

भाजपा 2012 से लगातार सत्ता में है और अब वह तीसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयार है। सावंत के नेतृत्व में भाजपा ने 40 सदस्यीय विधानसभा की 20 सीटों पर विजय प्राप्त की, जो पिछले चुनाव की तुलना में अधिक हैं। सावंत (48) उत्तर गोवा जिले की सांखली सीट से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं।

भाजपा ने साल 2017 में जब मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनाई थी तब सावंत को विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया था। हालांकि, मार्च 2019 में पर्रिकर के निधन के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया। आयुर्वेद चिकित्सक सावंत ने अपनी यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य बनकर आरंभ की और वह मुख्यमंत्री रहते हुए भी संघ के वार्षिक संचालन कार्यक्रम में भाग लेते रहे हैं।

सावंत की राजनीतिक यात्रा वर्ष 2007 में आरंभ हुई जब भाजपा ने उन्हें सांखली (उस समय पाले) सीट से टिकट दिया। लेकिन उस चुनाव में उन्हें कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप गौंस से पराजय का सामना करना पड़ा। हालांकि, साल 2012 और 2017 के चुनाव में उन्हें जीत मिली।

सावंत के कार्यकाल के दौरान कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत हुई और उनकी सरकार को राज्य के सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत के चलते आलोचना का सामना करना पड़ा। सावंत की पत्नी सुलक्षणा भी भाजपा की सक्रिय सदस्य हैं और राज्य में पार्टी की महिला विंग में प्रमुख पदाधिकारी हैं।

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