गोवा बार विवाद: डीगामा परिवार ने कहा, "केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के परिवार से जुड़े फर्म से उनका कोई संबंध नहीं है"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 22, 2022 18:04 IST2022-08-22T18:00:06+5:302022-08-22T18:04:31+5:30

सिली सोल बार विवाद में दिवंगत मालिक एंथनी डीगामा के परिवार ने आबकारी आयुक्त नारायण गाड के सामने सोमवार को कहा कि उनका केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के परिवार से संबंधित एटऑल फूड्स एंड बेवरेजेज कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है।

Goa Bar Controversy: Degama family said, "they have no relation with the firm linked to the family of Union Minister Smriti Irani" | गोवा बार विवाद: डीगामा परिवार ने कहा, "केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के परिवार से जुड़े फर्म से उनका कोई संबंध नहीं है"

फाइल फोटो

Highlightsडीगामा परिवार कहा कि उनका एटऑल फूड्स एंड बेवरेजेज कंपनी से कोई लेना-देना नहीं हैएटऑल फूड्स एंड बेवरेजेज कंपनी का स्वामित्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के परिवार से संबंधित हैसिली सोल बार विवाद में कांग्रेस का आरोप है कि इसे स्मति ईरानी का परिवार संचालित करता है

पणजी:गोवा के सिली सोल बार विवाद में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की मुश्किलें उस समय बढ़ गई जब इस रेस्टोरेंट के पूर्व दिवंगत मालिक एंथनी डीगामा के परिवार ने आबकारी आयुक्त नारायण गाड के सामने सोमवार को कहा कि उनका ईरानी परिवार के एटऑल फूड्स एंड बेवरेजेज कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है।

सिली सोल बार विवाद में कांग्रेस आरोप लगा रही है कि यहा पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी बिजनेस कर रही हैं और केंद्रीय मंत्री ईरानी के पति जुबिन ईरानी की कंपनी एटऑल फूड्स एंड बेवरेजेज सिली सोल बार का संचालन कर रही है।

कांग्रेस के आरोपों पर हमलावर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस संबंध में आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा था कि कांग्रेस ओछी मानसिकता से दुष्प्रचार के जरिये उनकी बेटी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का काम कर रही है और इस संबंध में उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश सहित अन्य दो नेताओं के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानी का केस दर्ज कराया है, जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट सुनवाई कर रही है।

ताजा प्रकरण में दिवंगत एंथनी डीगामा के परिवार का यह दावा करना कि उनका एटऑल फूड्स एंड बेवरेजेज कंपनी गोवा से 'कोई संबंध नहीं' है। इस घोषणा के बाद ईरानी परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यह विवाद तक चर्चा में आया था जब गोवा के सामाजिक कार्यकर्ता आयर्स रॉड्रिक्स ने 29 जून को एक शिकायत दर्ज कराई कि पणजी आबकारी कार्यालय ने एक मृत व्यक्ति- एंथनी डीगामा के नाम पर सिली सोल रेस्तरां के लाइसेंस को अवैध तरीके से नवीनीकृत किया है।

यही नहीं आयर्स रॉड्रिक्स ने अपनी शिकायत में 17 मई, 2021 को हुई एंथनी डीगामा की मृत्यु प्रमाण पत्र भी दिया था, जो बृहन्मुंबई नगर निगम द्वारा जारी किया गया था। पणजी आबकारी आयुक्त ने रॉड्रिक्स द्वारा 29 जुलाई को दर्ज कराई गई शिकायत के संबंध में पहली सुनवाई के दौरान दो मुद्दे तय किए थे। पहला- क्या एंथनी डीगामा द्वारा आबकारी लाइसेंस झूठे, अपर्याप्त दस्तावेज जमा करके और तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके प्राप्त किया गया था। दूसरा- क्या आबकारी अधिकारियों द्वारा लाइसेंस जारी करते समय प्रक्रियात्मक अनियमितताएं बरती गई थीं।

आबकारी आयुक्त ने इन्हीं दो बिंदुओं पर डीगामा परिवार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। आबकारी आयुक्त ने सोमवार को डीगामा परिवार के वकील बेनी नाज़रेथ और रॉड्रिक्स की दलीलें सुनीं और इस मामले को 12 सितंबर के लिए टाल दिया। वहीं साथ में शिकायतकर्ता रॉड्रिक्स को अगली सुनवाई पर या उससे पहले डीगामा परिवार के वकील बेनी नाज़रेथ और रॉड्रिक्स की दलीलों के खिलाफ अपना जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।

डीगामा परिवार के वकील नाज़रेथ ने मामले में सुनवाई के बाद पत्रकारों से कहा कि डीगामा परिवार का एटऑल फूड्स एंड बेवरेजेज एलएलपी गोवा से "कोई संबंध नहीं है", जो कि कथित तौर पर ईरानी परिवार से जुड़ा हुआ है। जब पत्रकारों ने वकील नाज़रेथ पूछा कि आखिर ईरानी परिवार से संबंधित एटऑल फूड्स एंड बेवरेजेज कंपनी किस आधार पर सिली सोल बार का पता अपने इस्तेमाल के लिए साझा कर रही थी तो इसके जवाब में नाज़रेथ ने कहा, यह प्रश्न आपको एट टॉल फूड्स एंड बेवरेजेज कंपनी से पूछना चाहिए।

वकील नाज़रेथ ने कहा कि डीगामा परिवार की ओर से उन्होंने आबकारी आयुक्त के समक्ष अपना विस्तृत जवाब दाखिल कर दिया है। उन्होंने कहा, "आबकारी आयुक्त के समक्ष सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता रॉड्रिक्स ने कहा कि सिली सोल बार का आबकारी लाइसेंस निलंबित किया जाए लेकिन प्राधिकरण ने उनके इस अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया।

वहीं दूसरी ओर शिकायतकर्ता रॉड्रिक्स ने पत्रकारों से कहा कि आबकारी आयुक्त ने उनकी शिकायत पूरे गौर से सुनी और वो अगली सुनवाई में डीगामा परिवार के वकीलों की दलील का जवाब देंगे। इसके साथ ही रॉड्रिक्स ने डीगामा परिवार के उस दलील को बेकार बताया, जिसमें परिवार ने पिछली सुनवाई में दावा किया था कि मृतक एंथनी डीगामा की पत्नी पुर्तगाली कानून के तहत अपने पति का लाइसेंस प्राप्त करने का अधिकार रखती है।

वकील नाज़रेथ ने सुनवाई के दौरान पुर्तगाली नागरिक संहिता का हवाला देते हुए आबकारी आयुक्त से कहा जब एक पति या पत्नी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी सारी शक्तियां दोनों में जिवित किसी एक को ट्रांसफर हो जाती है। इस मामले में शराब लाइसेंस भी शामिल है।

इसके जवाब में रॉड्रिक्स ने कहा, "मैंने प्राधिकरण को स्पष्ट किया है कि दिवंगत एंथोनी डीगामा के परिवार द्वारा पुर्तगाली कानून की बात को उठाया जाना भारतीय शासन व्यवस्था के लिए बेहद अपमानजनक है। आबकारी लाइसेंस को विरासत का हिस्सा नहीं माना जा सकता है। आबकारी लाइसेंस एक व्यक्ति और संस्था को दिया जाता है, जो हस्तांतरणीय नहीं हो सकता है।"

रॉड्रिक्स ने अपनी दलील में यह भी कहा था कि पणजी आबकारी विभाग ने उस एंथोनी डीगामा के नाम पर लाइसेंस जारी किया था, जो गोवा का न होकर मुंबई का निवासी था और उसका आधार कार्ड भी 30 दिसंबर 2020 को जारी किया गया था, जो कि आबकारी लाइसेंस के लिए आवेदन दाखिल करने से कुछ दिन पहले का है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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