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गोवा में समुद्र के किनारे जहरीली जेलीफिश बनी आफत, दो दिनों में 90 लोग हुए शिकार, जारी हुई एडवायजरी

By विनीत कुमार | Updated: November 20, 2020 18:24 IST

गोवा के समुद्री किनारे इन दिनों एक नई आफत से जूझ रहे हैं। पिछले दो दिनों में यहां जेलीफिश के लोगों को डंक मारने के करीब 90 से अधिक मामले सामने आए हैं। इसके बाद लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

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ठळक मुद्देगोवा के बागा और कलंग्यूट बीच पर मिले जेलीफिश के डंक मारने के सबसे अधिक मामलेपिछले दो दिनों में 90 से अधिक केस, कई मामलों में लोगों को उपचार देने की भी जरूरत पड़ी है

गोवा समुद्र के अपने खूबसूरत किनारों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां घूमने आते हैं। हालांकि, अब गोवा में समुद्री किनारों पर मस्ती कुछ लोगों के लिए भारी पड़ रही है। गोवा की लाइफगार्ड एजेंसी ने गुरुवार को एक एडवायजरी जारी की। ये एडवायजरी यहां के समुद्री किनारों पर जहरीली जेलीफिश के आतंक बढ़ने को लेकर किया गया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले दो दिनों में 90 से अधिक लोगों को जेलीफिश द्वारा डंक मारे जाने की खबरें आई है। इसके बाद प्रशासन भी सतर्क हो गया है और तमाम इंतजाम किए जा रहे है। कई मामलों में तो लोगों को उपचार देने की भी जरूरत पड़ी है। साथ ही इन जहरीली जेलीफिश की कई तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।

बागा और कलंग्यूट बीच पर सबसे अधिक मामले

रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले दो दिन में गोवा के बागा-कैलंग्यूट बीच पर जेलीफिश का शिकार होने के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। ये संख्या 55 से अधिक बताई जा रही है। वहीं, कैंडोलिम बीच पर भी इस जहरीली मछली ने करीब 10 से अधिक लोग को डंक मारा है। 

ऐसे ही दक्षिण गोवा में भी करीब 30 ऐसे मामले सामने आए हैं। गोवा सरकार द्वारा राज्य के लोकप्रिय बीच पर नजर रखने की जिम्मेदारी एक प्राइवेट लाइफगार्ड एजेंसी 'दृष्टि मरीन' को मिली हुई है।

'दृष्टि मरीन' ने एक बयान जारी कर बताया, 'बागा बीच पर एक शख्स को जेलीफिश के डंक का ऐसा असर हुआ कि उसमें शरीर के पैरालाइज होने के लक्षण नजर आने लगे। साथ ही छाती में तेज दर्ज और उसे सांस में काफी तकलीफ भी शुरू हो गई।'

इसके बाद एक एबुलेंस को बुलाया गया और उसे आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। गौरतलब है कि जेलीफिश आमतौर पर दो प्रकार की होती हैं। इसमें एक सामान्य होती है और उससे कोई खतरा नहीं होता है। वहीं, जहरीली जेलीफिश के संपर्क में आने से कुछ तकलीफ हो सकती है। हालांकि, ऐसे मामले कम ही आते हैं।

'दृष्टि मरीन' की ओर से जारी एडवायजरी में कहा गया है कि अगर किसी को भी जेलीफिश का डंक महसूस होता है तो वे तुरंत पास के लाइफसेवर टावर के पास जाएं। डंक वाली जगह को गर्म पानी से धोने की भी सलाह दी गई है। गर्म पानी से जेलीफिश के जहर का असर कम होता है। लोगों को बीच पर जाने के बाद सावधानी बरतने की सलाह भी दी जा रही है। 

टॅग्स :गोवा
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