हिमनद झील एटलस का इस्तेमाल जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के विश्लेक्षण के लिए किया जाएगा

By भाषा | Updated: June 29, 2021 20:21 IST2021-06-29T20:21:10+5:302021-06-29T20:21:10+5:30

Glacial lake atlas will be used to analyze the impact of climate change | हिमनद झील एटलस का इस्तेमाल जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के विश्लेक्षण के लिए किया जाएगा

हिमनद झील एटलस का इस्तेमाल जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के विश्लेक्षण के लिए किया जाएगा

नयी दिल्ली, 29 जून जलशक्ति मंत्रालय ने मंगलवार को गंगा नदी के बेसिन का एक हिमनद झील एटलस जारी किया जिसका उपयोग समय के साथ हिमालयी क्षेत्र में जलाशयों में परिवर्तन का विश्लेषण करके जलवायु परिवर्तन प्रभाव विश्लेषण और आपदा शमन योजना के लिए किया जा सकता है।

वर्तमान हिमनद झील एटलस गंगा नदी के बेसिन में उसके मूल से हिमालय की तलहटी तक, 2,47,109 वर्ग किलोमीटर के जलग्रहण क्षेत्र में खोजी गई हिमनद झीलों पर आधारित है।

गंगा नदी के बेसिन में कुल 4,707 हिमनद झीलों का मानचित्रण किया गया है जिसमें कुल झील का जल क्षेत्र 20,685 हेक्टेयर है।

गंगा नदी बेसिन के अध्ययन हिस्से में भारत का हिस्सा और सीमा पार क्षेत्र शामिल हैं। एटलस इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर के भुवन पोर्टल और इंडिया डब्ल्यूआरआईएस पोर्टल और डीओडब्ल्यूआर, आरडी और जीआर की एनएची वेबसाइट पर उपलब्ध है।

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Web Title: Glacial lake atlas will be used to analyze the impact of climate change

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