'मनुस्मृति पढ़ो, लड़कियां पहले 17 साल की उम्र में देती थी बच्चे को जन्म', गुजरात हाईकोर्ट ने क्या वाकई कही यह बात? जानिए क्या है पूरा मामला
By विनीत कुमार | Published: June 9, 2023 08:27 AM2023-06-09T08:27:26+5:302023-06-09T08:31:37+5:30
17 साल की रेप पीड़िता की ओर से गर्भ गिराने की एक याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई है। इस दौरान कोर्ट की ओर से कही गई कुछ बातें चर्चा में आ गई हैं। जानिए पूरा मामला...
अहमदाबाद: 'पहले 14-15 साल की उम्र में शादी हो जाती थी और लड़कियां 17 साल की उम्र में मां बन जाती थीं', ये टिप्पणी गुजरात हाईकोर्ट की ओर से गुरुवार को की गई। मामला रेप पीड़िता 17 साल की एक नाबालिग के सात महीने के भ्रूण को गिराने की याचिका से जुड़ा था। इसी दौरान मौखिक रूप से कोर्ट की ओर से यह टिप्पणी की गई। गुजरात हाईकोर्ट ने मनुस्मृति का भी हवाला दिया।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग लड़की रेप पीड़िता है। उसके पिता को सात महीने बीतने के बाद ही उसके गर्भवती होने का पता चला। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर लड़की की उम्र को देखते हुए भ्रूण के मेडिकल टर्मिनेशन की मांग की। वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार वकील ने गर्भपात की बात कही।
इस पर जस्टिस समीर जे दवे ने कहा, 'क्योंकि हम 21वीं सदी में जी रहे हैं...पुराने समय में, लड़कियों के लिए 14-15 साल की उम्र में शादी करना और 17 साल की उम्र से पहले बच्चा पैदा करना सामान्य बात थी... आप इसे नहीं पढ़ेंगे, लेकिन इसके लिए एक बार मनुस्मृति जरूर पढ़ें।'
गुजरात हाई कोर्ट की टिप्पणी की पूरी कहानी क्या है?
दूसरी ओर वेबसाइट 'दी लल्लनटॉप' के अनुसार याचिकाकर्ता के वकील सिकंदर सैयद ने बताया कि कोर्ट के आदेश देने के बाद पीठ और उनके बीच अनौपचारिक बातचीत के दौरान मनुस्मृति और 17 साल में मां बनने वाली बात आई। इस बातचीत के दौरान पीठ ने कहा कि भ्रूण 30 हफ्ते का है और उसका वजन 1.272 किलोग्राम है। इस समय गर्भपात करने से नाबालिग और भ्रूण दोनों की जान जा सकती है या किसी एक को खतरा हो सकता है। इसी दौरान बातों-बातों में मनुस्मृति की बात आई।
वकील सिकंदर सैयद के अनुसार उन्होंने भी इस बातचीत में कहा कि मुस्लिम कानून के तहत लड़कियों की शादी की उम्र 13 साल है। सिकंदर सैयद ने साफ किया कि औपचारिक सुनवाई के दौरान जस्टिस समीर जे. दवे की बेंच ने मनुस्मृति की कोई बात नहीं कही थी। उन्होंने कहा कि अभी अंतिम आदेश नहीं आया है और मामले में सुनवाई जारी है।
कोर्ट में क्या कुछ हुआ और किसने क्या कहा, इसे आप यहां देख सकते हैं। मौजूदा आदेश देने के बाद का हिस्सा 3:15:00 के बाद है।
कोर्ट ने गर्भ गिराने की याचिका में फिलहाल क्या कहा है?
कोर्ट ने दरअसल डॉक्टरों के पैनल को रेप पीड़िता का टेस्ट कराने और उसकी मानसिक स्थिति का पता लगाने के लिए सिविल हॉस्पिटल में साइकेट्रिस्ट से जांच कराने के निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि जांच के बाद, इसकी रिपोर्ट तैयार की जाए और मामले की अगली सुनवाई अब 15 जून को होगी।
कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर मां या भ्रूण को कोई गंभीर बीमारी पाई जाती है तो कोर्ट गर्भपात के बारे में सोच सकता है। हालांकि लेकिन अगर दोनों की स्थिति ठीक आती है तो गर्भपात का आदेश देना मुश्किल होगा।