गिरीश चंद्र मुर्मू ने गुरुवार को केंद्र शासित क्षेत्र बने जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल के तौर पर ली शपथ। इससे पहले गुरुवार को ही पूर्व नौकरशाह राधा कृष्ण माथुर ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली थी।
जम्मू-कश्मीर की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने श्रीनगर स्थित राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में मुर्मू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मुर्मू अगले महीने 60 वर्ष के हो जाएंगे।
गुरुवार को ही जम्मू-कश्मीर राज्य की जगह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेश अस्तित्व में आए। 5 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के करीब तीन महीने बाद जम्मू-कश्मीर के विभाजन के बाद ये दोनों केंद्र शासित प्रदेश अस्तित्व में आए हैं।
कौन हैं जम्मू-कश्मीर के पहले एलजी गिरीश चंद्र मुर्मू
संयोग से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपाल बने मुर्मू और माथुर दोनों आईएएस हैं। माथुर जहां रिटायर हो चुके हैं तो वहीं मुर्मू के कार्यकाल में अभी दिन बाकी थे। 1985 बैच के गुजरात काडर के आईएएस अफसर गिरीश चंद्र मुर्मू का जन्म 21 नवंबर 1959 को ओडिशा में हुआ था।
गिरीश चंद्र मुर्मू को पीएम नरेंद्र मोदी का बेहद करीबी माना जाता है। गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान मोदी ने मुर्मू को अपना मुख्य सचिव नियुक्त किया था।
मोदी के साथ उन्होंने गुजरात में करीब सात साल काम किया और 2014 में पीएम बनने के बाद मोदी ने उन्हें दिल्ली बुला लिया। मोदी के अलावा गुजरात के गृह मंत्री रहने के दौरान मुर्मू ने अमित शाह के साथ भी काम किया है।
वर्तमान में मुर्मू वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव के पद पर तैनात थे और अगले महीने रिटायर होने वाले थे।