दिल्ली: समान नागरिक संहिता आज के वक्त में देश की आवश्यकता है और भारतीय जनता पार्टी जिन भी प्रदेशों में सरकार बनाएगी, वो वहां पर इसे लागू करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने यह बयान देते हुए स्पष्ट किया है कि न केवल हिमाचल, गुजरात बल्कि देश के जिस भी राज्य की जनता भाजपा को वोट देकर सरकार बनवाने का काम करेगी, भाजपा अपनी ओर से बतौर उपहार समान नागरिक संहिता वहां लागू करने का कार्य करेगी।
गिरिराज सिंह ने कहा, "समान नागरिक संहिता आज के समय में देश की जरूरत है। हिमाचल और गुजरात की सरकार ने भी कहा है कि हमारी सरकार आते ही हम इसे लागू करेंगे। जहां-जहां भाजपा की सरकार होगी, वहां इसे लागू किया जाएगा।"
इसके साथ ही गिरिराज सिंह ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सवर्णों के लिए 10 फीसदी ईडब्लूएस आरक्षण को सही ठहराये के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा, "संविधान को मानने वाले सभी लोग कोर्ट के इस फैसले को मानने के लिए तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं।"
मालूम हो कि समान नागरिक संहिता भाजपा के उन कोर मुद्दों में से एक है, जिसे वो बार-बार लागू करने की बात करती रहती है। उत्तराखंड में चुनावी विजय पाने के बाद राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने सूबे में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया है।
वहीं चुनावी दौर में गुजरात की भाजपा सरकार ने भी समान नागरिक संहिता के लिए न्यायिक आयोग गठन का ऐलान कर दिया। इतना ही नहीं भाजपा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में भी अगर वो दोबारा सत्ता पर काबिज होते हैं तो फौरन समान नागरिक संहिता के न्यायिक आयोग का गठन करेंगे।
भाजपा के लिए समान नागरिक संहिता भी राम मंदिर और धारा 370 की तरह जड़ से जुड़ा सवाल है, जिसे देश में लागू करने के लिए भाजपा दशकों से प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर रही है। इस संबंध में विपक्षी दलों का आरोप है कि भाजपा की समान नागरिक संहिता वाली सोच अलगाववाद को जन्म देने वाली है और इसके जरिये भाजपा वोटों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही है।