भाजपा नेताओं की बयानबाजी पर गहलोत का कटाक्ष, कहा: मूर्ख लोग पदाधिकारी बने बैठे हैं
By भाषा | Published: October 12, 2021 08:31 PM2021-10-12T20:31:48+5:302021-10-12T20:31:48+5:30
जयपुर, 12 अक्टूबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के हनुमानगढ़ में एक दलित युवक की हत्या के मामले में उनकी सरकार की आलोचना कर रहे भाजपा नेताओं को आड़े हाथ लेते हुए मंगलवार को आरोप लगाया कि भाजपा में ऐसे मूर्ख लोग पदाधिकारी बने बैठे हैं जिन्हें कोई समझ नहीं है।
गहलोत ने कहा कि वह खुद इस तरह की घटनाओं की निंदा करते हैं और इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ लिया गया है।
हनुमानगढ़ की घटना की तुलना उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से किए जाने के सवाल पर गहलोत ने यहां संवाददाताओं से कहा, “इस तरह की बेवकूफी वाली बातें बोलते हुए मैं पहली बार नेताओं को देख रहा हूं, जो मुख्यमंत्री के उम्मीदवार बने बैठे हैं। वे ऐसी बेवकूफी की बात कर रहे हैं कि राजस्थान में प्रियंका गांधी या राहुल गांधी क्यों नहीं आ रहे? यहां तो उनकी सरकार है, वे तो वहां जाएंगे जहां सत्ता पक्ष की सरकार है चाहे उत्तर प्रदेश हो या कोई और राज्य।”
गहलोत ने आगे कहा, “हमारे यहां प्रधानमंत्री को आना चाहिए, गृहमंत्री को आना चाहिए, जेपी नड्डा को आना चाहिए...देखें जाकर हनुमानगढ़ में क्या हुआ? किस प्रकार घटना हुई, लिंचिंग हुई? हम तो खुद उसकी निंदा करते हैं। हमने अविलंब कार्रवाई की और आरोपियों को पकड़ा गया।”
भाजपा के स्थानीय नेताओं पर कटाक्ष करते हुए गहलोत ने कहा, “ऐसे मूर्ख लोग इनके पदाधिकारी बन गए हैं जिन्हें यह भी समझ नहीं कि किस तरह की घटना में कैसे प्रतिक्रिया व्यक्त की जाए। मृतक के घर कोई गया नहीं है। यहां बैठकर बयानबाजी करते रहते हैं।”
उल्लेखनीय है कि हनुमानगढ़ के प्रेमपुरा गांव में एक युवक की सात अक्टूबर को कथित प्रेम प्रसंग में पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस इस मामले में अब तक सात आरोपियों को पकड़ चुकी है।
इस बीच, देश में कोयले के संकट पर गहलोत ने कहा कि दाम बढ़ गए, कोयला मिल नहीं रहा स्थिति बड़ी अजीबोगरीब बन गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में केंद्र सरकार की बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि राज्यों को इस संकट से निकाले। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली मामले में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राज्यों का सहयोग कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि वे कोई हल निकालेंगे।
गहलोत ने कहा, “कोयले की कोई कमी नहीं है, यह कहना ही बेईमानी है। कोयले की कमी है और सबको मालूम है, राज्य संकट में हैं और संकट से निकालने की जिम्मेदारी केंद्र की बनती है।”
लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग को लेकर कांग्रेस के आंदोलन पर गहलोत ने कहा कि मंत्री को बर्खास्त नहीं किया गया इसलिए तो कांग्रेस लगातार आंदोलन कर रही है।
उन्होंने कहा, “दिन दहाड़े लोगों की हत्याएं हुईं, हमने दंगों में लोगों को मरते देखा, हमने सुना कि पुलिस एनकाउंटर में लोग मारे जाते हैं लेकिन हमने इस तरह की मौत नहीं देखी। कोई गाड़ी किसानों को कुचल कर आगे बढ़ जाए और उनकी मौत हो जाए। क्या इसकी जानकारी केंद्र सरकार को, प्रधानमंत्री को, मुख्यमंत्री को नहीं है।”
वहीं गहलोत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान की भाजपा इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि राहुल गांधी व प्रियंका गांधी को राजस्थान आकर पीड़ितों से क्यों नहीं मिलना चाहिए?
पूनियां ने जोधपुर में संवाददाताओं से कहा,'' क्या गहलोत सरकार के शासन में राजस्थान में दलितों व महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के कोई मामले नहीं हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े ही हालात को साफ साफ बयान कर रहे हैं, फिर भी गहलोत झूठ बोल रहे हैं।''
इसके साथ ही भाजपा नेता ने बिजली संकट को लेकर भी राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह संकट राज्य सरकार के कुप्रबंधन का नतीजा है।
पूनियां ने कहा,'' 70 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति कोयले पर आधारित थर्मल संयंत्रों पर होती है और राजस्थान में कोयले की किल्लत इसलिये हुई क्योंकि जब कोयला मिल रहा था तब राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने कोयले को समय पर नहीं उठाया और ना ही समय पर मांग की।''
उधर, राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा ने एक बयान में आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी संवेदनशील मुद्दों पर राजनीतिक पर्यटन करते रहते हैं लेकिन भाजपा किसी भी तरह के राजनीतिक पर्यटन के खिलाफ रही है और हमेशा रहेगी।
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