दिल्ली में कचड़े की समस्या गंभीर, LG समिति गठित करें: SC
By भाषा | Published: August 17, 2018 04:30 PM2018-08-17T16:30:19+5:302018-08-17T16:30:19+5:30
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने इस समस्या से निबटने में दिल्ली की जनता के सहयोग पर जोर दिया।
नई दिल्ली, 17 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ठोस कचरे को 'बहुत बड़ी समस्या' बताते हुए शुक्रवार को उपराज्यपाल से कहा कि इस मसले से निबटने के लिये समिति गठित की जाए। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने इस समस्या से निबटने में दिल्ली की जनता के सहयोग पर जोर दिया और कहा कि उपराज्यपाल को समिति गठित करनी चाहिए जिसमे इस क्षेत्र के विशेषज्ञों, सिविल सोसायटी और रेजिडेन्ट वेलफेयर एसोसिएशनों के सदस्यों को शामिल करना चाहिए।
समिति को गाजीपुर, ओखला और भलस्वा के लैंडफिल स्थानों की सफाई से संबंधित मुद्दों पर भी विचार करना चाहिए। उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल पिंकी आनंद ने पीठ से कहा कि वह एक सप्ताह के भीतर इस मुद्दे पर उपराज्यपाल से चर्चा के बाद न्यायालय को इससे अवगत करायेंगी।
इस पर पीठ ने ठोस कचरे के निष्पादन से संबंधित मामले की सुनवाई 27 अगस्त के स्थगित कर दी। शीर्ष अदालत ने इस महीने के प्रारंभ में तल्ख लहजे में कहा था कि कचरों के पहाड़ की वजह से दिल्ली ‘‘आपात स्थिति’’ का सामना कर रही है। इससे पहले, उपराज्यपाल ने न्यायालय से कहा था कि उनका कार्यालय नियमित रूप से कचरा निष्पादन योजनाओं की निगरानी और स्थानीय निकायों की कार्रवाई की समीक्षा कर रहा है।
न्यायालय ने राजधानी में 2005 में डेंगू के कारण सात वर्षीय बच्चे की मृत्यु की घटना का संज्ञान लिया था। इस मामले में पांच निजी अस्पतालों ने इस बच्चे का उपचार करने से कथित रूप से इंकार कर दिया था और संतान की मृत्यु से व्यथित होकर उसके माता पिता ने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले पर विचार के दौरान ही राजधानी में ठोस कचरा प्रबंधन की समस्या का मुद्दा भी उसके समक्ष उठा था।