गांधी परिवार से क्यों हटाई गई एसपीजी सुरक्षा, ये हैं बड़े कारण, आंकड़े दे रहे हैं गवाही

By भाषा | Published: November 8, 2019 08:53 PM2019-11-08T20:53:00+5:302019-11-08T20:53:00+5:30

सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी का विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) का सुरक्षा घेरा हटाने के सरकार के फैसले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने यह खुलासा किया है।

Gandhi family did not use anti bullet vehicles many times, also kept distance from SPG says Officer | गांधी परिवार से क्यों हटाई गई एसपीजी सुरक्षा, ये हैं बड़े कारण, आंकड़े दे रहे हैं गवाही

गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा हटाई गई (फाइल फोटो)

Highlightsराहुल गांधी ने कई बार एसपीजी सुरक्षा को किया अनदेखा2015 से 1,892 मौकों पर (मई 2019 तक) राहुल ने गैर-बीआर वाहन में दिल्ली में यात्रा कीसोनिया और प्रियंका गांधी ने भी कई यात्राएं बगैर एसपीजी सुरक्षा के की, इसमें विदेश दौरे भी शामिल

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने पिछले कई बरसों में सैकड़ों बार बुलेट-प्रतिरोधी(बीआर) वाहनों का इस्तेमाल नहीं किया और वे अपनी ज्यादातर विदेश यात्राओं पर एसपीजी कमांडो को साथ नहीं ले गये। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी का विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) का सुरक्षा घेरा हटाने के सरकार के फैसले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने यह खुलासा किया। उन्हें पेश आ सकने वाले खतरों के विस्तृत आकलन के बाद यह फैसला किया गया। एसपीजी के साथ गांधी परिवार के कथित असहयोग का ब्यौरा देते हुए एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा पाने वालों का इस तरह का व्यवहार बल के कर्मियों के सहजता से काम करने में बाधा डालता है।

राहुल गांधी ने कई बार एसपीजी सुरक्षा को किया अनदेखा 

अधिकारी ने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि 2005-2014 के दौरान कांग्रेस नेता ने देश के विभिन्न हिस्सों में गैर-बीआर वाहन में 18 यात्राएं की। वर्ष 2015 से 1,892 मौकों पर (मई 2019 तक) राहुल गांधी ने गैर-बीआर वाहन में दिल्ली में यात्रा की। यह प्रतिदिन करीब एक यात्रा करने जैसा है। इसके अलावा जून 2019 तक 247 मौकों पर उन्होंने गैर-बीआर वाहन में दिल्ली से बाहर यात्रा की।

यहां तक कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने देश में यात्राओं के दौरान वाहन की छत पर भी यात्रा की जो मोटर वाहन अधिनियम और सुरक्षा हिदायतों का उल्लंघन है। गुजरात में बनासकांठा की अपनी यात्रा के दौरान चार अगस्त 2017 को राहुल गांधी ने एक गैर-बीआर कार में यात्रा की। उस वक्त पथराव की एक घटना हुई थी, जिसमें एक एसपीजी पीएसओ घायल हो गया था।

अधिकारी ने कहा कि यदि राहुल ने बीआर वाहन का इस्तेमाल किया होता तो यह घटना (एसपीजी पीएसओ के घायल होने की) टाली जा सकती थी। कांग्रेस ने यह मुद्दा संसद में उठाया था। इस पर तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी ने देश के अंदर अप्रैल 2015 से जून 2017 के बीच 121 यात्राओं पर एसपीजी बीआर वाहनों का इस्तेमाल नहीं किया।

विदेश यात्रायों पर भी एसपीजी अधिकारियों को साथ नहीं ले गये राहुल गांधी

वर्ष 1991 से की गई 156 विदेश यात्राओं पर राहुल गांधी 143 मौकों पर एसपीजी अधिकारियों को साथ नहीं ले गये। इन 143 विदेश यात्राओं में ज्यादातर में उन्होंने यात्रा कार्यक्रम आखिरी क्षणों में साझा किया, ताकि एसपीजी अधिकारी यात्रा पर उनके साथ नहीं जा सकें।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि राहुल गांधी ने पिछले पांच बरसों में कुछ मौकों पर अपने सार्वजनिक भाषणों में एसपीजी की छवि भी खराब करने की कोशिश की, जो कि अवांछनीय है। अधिकारी ने सोनिया गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने 2015 से मई 2019 के बीच दिल्ली में यात्रा के दौरान 50 मौकों पर बीआर वाहनों का इस्तेमाल नहीं किया। इनमें से एक बार छोड़कर बाकी मौकों पर राहुल गांधी ने खुद गैर बीआर कार चलाई।

सोनिया-प्रियंका गांधी का भी रिकॉर्ड अच्छा नहीं

सोनिया ने पिछले पांच बरसों में (मई 2019 तक) देश में विभिन्न स्थानों की बगैर पूर्व कार्यक्रम के 13 यात्राएं की, जिस दौरान उन्होंने गैर-बीआर कारों का इस्तेमाल किया। कांग्रेस अध्यक्ष 2015 से अपनी विदेश यात्राओं पर 24 मौकों पर एसपीजी अधिकारियों को भी साथ नहीं ले गईं। अधिकारी ने प्रियंका गांधी वाड्रा के बारे में बताया कि 2015 से मई 2019 तक उन्होंने दिल्ली में अपनी यात्राओं के दौरान 339 मौकों पर और देश के अन्य हिस्सों में 64 मौकों पर एसपीजी के बीआर वाहनों का इस्तेमाल नहीं किया।

प्रियंका ने इन यात्राओं पर एसपीजी अधिकारियों की सलाह के खिलाफ जा कर गैर- बीआर वाहनों का इस्तेमाल किया। प्रियंका ने 1991 से कुल 99 विदेश यात्राएं की लेकिन वह सिर्फ 21 मौकों पर एसपीजी सुरक्षा घेरे के साथ गईं। इनमें से ज्यादातर यात्राओं पर प्रियंका गांधी ने अपनी यात्रा की योजना अंतिम क्षणों पर साझा की, जिससे एसपीजी को उनकी सुरक्षा के लिये अधिकारियों को तैनात करना असंभव हो गया।

मई 2014 से कई मौकों पर उन्होंने कथित तौर पर एसपीजी अधिकारियों के खिलाफ आरोप लगाये कि वे उनकी निजी एवं गोपनीय जानकारी जुटा रहे हैं तथा उन्हें अनधिकृत लोगों से साझा कर रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने एसपीजी के शीर्ष अधिकारियों को कथित तौर पर कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी। अधिकारी ने बताया कि एसपीजी ने समय-समय पर इस तरह के आरोपों का यह स्पष्टीकरण देकर सामना किया कि उसका कार्य सख्ती से आधिकारिक चार्टर तक सीमित है।

Web Title: Gandhi family did not use anti bullet vehicles many times, also kept distance from SPG says Officer

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