नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पीएम केयर्स फंड को सही ठहराया, जानिए क्या कहा

By भाषा | Published: July 9, 2020 10:39 PM2020-07-09T22:39:34+5:302020-07-09T22:39:34+5:30

केन्द्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि ऐसे अनेक कोष हैं जिनका राहत कार्यों के लिये पहले या अभी गठन किया गया है। पीएम केयर्स ऐसा ही एक स्वैच्छिक योगदान वाला कोष है।

Funds like PM CARES are ‘separate, different, distinct’ from NDRF, says government in Supreme Court | नरेंद्र मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पीएम केयर्स फंड को सही ठहराया, जानिए क्या कहा

न्यायालय में केन्द्र ने पीएम केयर्स फंड को सही ठहराया। (फाइल फोटो)

Highlightsकेन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में पीएम केयर्स फंड के सृजन को सही ठहराया।उसने कहा कि कहा कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत एक कानूनी कोष के होने मात्र से स्वैच्छिक दान के लिये अलग कोष के सृजन पर रोक नहीं है।

नई दिल्लीः केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में पीएम केयर्स फंड के सृजन को सही ठहराया और कहा कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत एक कानूनी कोष के होने मात्र से स्वैच्छिक दान के लिये अलग कोष के सृजन पर रोक नहीं है। केन्द्र ने प्रधानमंत्री केयर्स फंड में आयी धनराशि राष्ट्रीय अपदा मोचन कोष में हस्तांतरित करने के अनुरोध का न्यायालय में विरोध किया है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने इस संबंध में केन्द्र के हलफनामे को रिकार्ड पर लेते हुये सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि गैर सरकारी संगठन सेन्टर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशंस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी को इसकी प्रति उपलब्ध करायी जाये।

पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस मामले की सुनवाई करते हुये इसे प्रवासी श्रमिकों की स्थिति को लेकर न्यायालय द्वारा स्वत: संज्ञान में लिये गये मामले के साथ संलग्न करने का आदेश दिया। इस गैर सरकारी संगठन ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में मदद के लिये राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष का इस्तेमाल करने और पीएम केयर्स फंड की बजाय एनडीआरएफ में सारा योगदान करने का केन्द्र को निर्देश देने का अनुरोध किया है।

केन्द्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि ऐसे अनेक कोष हैं जिनका राहत कार्यों के लिये पहले या अभी गठन किया गया है। पीएम केयर्स ऐसा ही एक स्वैच्छिक योगदान वाला कोष है। हलफनामे में केन्द्र ने कहा है कि आपदा प्रबंधन कानून की धारा 46 के तहत प्रदत्त कोष पहले से ही है, जिसका नाम राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष है। एक कानूनी कोष होने मात्र से स्वैच्छिक दान के लिये पीएम केयर्स फंड जैसे अलग कोष का सृजन करने पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं।

एनडीआरएफ कोष बजट में किये गये प्रावधान का हिस्सा

हलफनामे में यह भी कहा गया है कि एनडीआरएफ कोष केन्द्र सरकार द्वारा बजट में किये गये प्रावधान का हिस्सा है। इसी तरह राज्य सरकारें और केन्द्र बगैर किसी निजी योगदान के राज्य आपदा मोचन कोष के लिये भी आबंटन करते हैं। केन्द्र ने कोविड-19 महामारी जैसे आपात हालात से निबटने और प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिये 28 मार्च को पीएम केयर्स फंड की स्थापना की थी।

प्रधानमंत्री इस कोष के पदेन अध्यक्ष हैं जबकि रक्षा, गृह और वित्त मंत्री इसके पदेन ट्रस्टी हैं। हलफनामे में यह भी कहा गया है कि चंद लोगों द्वारा इसकी आलोचना के आधार पर इस कोष को केन्द्र सरकार, सभी राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, स्थानीय स्वशासी संस्थाओं, और नागरिकों आदि से मिले अप्रत्याशित राष्ट्रव्यापी सहयोग को कमतर करके नहीं आंका जा सकता है। 

Web Title: Funds like PM CARES are ‘separate, different, distinct’ from NDRF, says government in Supreme Court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे