अंडमान में बंधुआ मजदूर के रूप में काम कर रहे फुचा महली 35 वर्ष बाद घर लौटे
By भाषा | Published: September 4, 2021 12:30 AM2021-09-04T00:30:28+5:302021-09-04T00:30:28+5:30
झारखंड में गुमला स्थित अपने गांव से लगभग तीन हजार किलोमीटर दूर अंडमान द्वीप समूह में बंधुआ मजदूर के रूप में काम कर रहे फुचा महली शुक्रवार को राज्य सरकार के सहयोग से यहां रांची पहुंचे। इसके बाद वह सबसे पहले विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री से मिले। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि गुमला के विशुनपुर निवासी महली मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर अंडमान द्वीप से अपने राज्य लौट सके हैं।विज्ञप्ति में बताया गया है कि महली ने सोरेन से विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कक्ष उनसे मुलाकात की। विज्ञप्ति के मुताबिक, उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रवासी श्रमिकों के प्रति उनकी संवेदनशीलता की वजह से ही वे 35 वर्ष बाद अपने घर लौट सके। इससे पूर्व वह उत्तर एवं मध्य अंडमान द्वीपसमूह में बंधुआ मजदूर के रूप में काम कर रहे थे।महली के परिजनों ने राज्य के श्रम विभाग और गैर सरकारी संगठन ‘शुभ संदेश फाउंडेशन’ के सदस्यों से संपर्क कर उनकी घर वापसी में सहयोग का आग्रह किया था। मामले की जानकारी के बाद श्रम विभाग के अधिकारियों और फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने दक्षिणी अंडमान के प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर महली को मुक्त कराया।
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