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FTII में फीस वृद्धि के विरोध में 24 घंटों से छात्र कर रहे हैं भूख हड़ताल, संस्थान ने कहा-"छात्रों की मांगें गलत है"

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 17, 2019 15:37 IST

छात्र संघ के अध्यक्ष वी आदित्य के नेतृत्व में छात्रों ने मांग की है कि 2008 में एफटीआईआई गवर्निंग काउंसिल द्वारा लिए गए 10 प्रतिशत शुल्क वृद्धि के फैसले को निरस्त किया जाए और जेईटी (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) 2020 तक प्रवेश पर रोक लगाई जाए।

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ठळक मुद्देसंस्थान की मानें तो हड़ताल पूरी तरह से अनुचित है क्योंकि 11 साल पहले लिए गए फैसले का विरोध करने का कोई तात्कालिक कारण नहीं है।एफटीआईआई के निदेशक, भूपेंद्र कनथोला ने कहा, “हमें छात्र संघ से एक पत्र मिला है जिसमें बताया गया है कि तीन छात्रों ने सोमवार को भूख हड़ताल शुरू की है।

फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) के स्टूडेंट्स एसोसिएशन संस्थान द्वारा "ट्यूशन फीस में लगातार बढ़ोतरी और अनुचित रूप से प्रवेश परीक्षा शुल्क" बढ़ाने को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। संस्थान के चार छात्र प्रबंधन के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं।  

छात्र संघ के अध्यक्ष वी आदित्य के नेतृत्व में छात्रों ने मांग की है कि 2008 में एफटीआईआई गवर्निंग काउंसिल द्वारा लिए गए 10 प्रतिशत शुल्क वृद्धि के फैसले को निरस्त किया जाए और जेईटी (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) 2020 तक प्रवेश पर रोक लगाई जाए।  

“एफटीआईआई के छात्र पिछले चार वर्षों से इस मुद्दे को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। एकेडमिक काउंसिल में कोई आवाज नहीं होने के कारण, छात्रों द्वारा प्रस्तावित एजेंडा या तो नहीं उठाए जाते हैं या सीधे खारिज कर दिए जाते हैं।

प्रवेश परीक्षा की फीस 10,000 रुपये और ट्यूशन फीस सालाना 1,18,323 रुपये हो गया है। छात्रों का मानना ​​है कि यह फीस वृद्धि के लिए अनुचित समय है।  छात्रों का मानना है कि संस्थान व सरकार के इस फैसले से देश भर में कई महत्वाकांक्षी छात्र इस प्रमुख संस्थान में नहीं आ पाएंगे। 

एचटी रिपोर्ट के मुताबिक, एफटीआईआई के निदेशक, भूपेंद्र कनथोला ने कहा, “हमें छात्र संघ से एक पत्र मिला है जिसमें बताया गया है कि तीन छात्रों ने सोमवार को भूख हड़ताल शुरू की है। भूख हड़ताल पूरी तरह से अनुचित है क्योंकि 11 साल पहले लिए गए फैसले का विरोध करने का कोई तात्कालिक कारण नहीं है। साथ ही, छात्र संघ ने प्रशासन को कोई पूर्व सूचना नहीं दी है। मैं तीन आंदोलनकारी छात्रों से अपील करता हूं कि वे विरोध प्रदर्शन बंद करें और अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करें। ” 

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