अमित शाह ने कहा- गोवा, दादरा नगर हवेली और दमन दीव की स्वतंत्रता का श्रेय अकेले पंडित नेहरू को नहीं दिया जाना चाहिए
By भाषा | Updated: November 27, 2019 19:19 IST2019-11-27T19:18:29+5:302019-11-27T19:19:00+5:30
अमित शाह ने कहा कि उन्होंने कहा कि गोवा, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली 1954 तक पुर्तगाली शासक सालाजार के अधिपत्य में रहे। तब तक उस समय की सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

File Photo
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि दादरा नगर हवेली को 1954 में पुर्तगाली शासन से आजाद कराने में केवल पंडित जवाहरलाल नेहरू की नहीं बल्कि बाबासाहब पुरंदरे, संगीतकार सुधीर फड़के, एक सैनिक स्कूल के मेजर प्रभाकर कुलकर्णी आदि युवाओं की भी बड़ी भूमिका थी जिन्होंने जान की बाजी लगाकर इस केंद्रशासित क्षेत्र को मुक्त कराया।
लोकसभा में दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव के विलय के प्रावधान वाले एक विधेयक पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय के बयान पर शाह ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि गोवा, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली 1954 तक पुर्तगाली शासक सालाजार के अधिपत्य में रहे। तब तक उस समय की सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद बाबा साहब पुरंदरे, सुधीर फड़के और मेजर प्रभाकर कुलकर्णी जैसे 25 से 30 साल के युवाओं ने आंदोलन चलाया और अपनी जान की बाजी लगाकर दादरा और नगर हवेली को आजाद कराया।
उन्होंने कहा कि जब धन की कमी थी तो संगीतकार फड़के ने पुणे में लता मंगेशकर का एक कार्यक्रम कराया और उससे प्राप्त धन से आजादी का आंदोलन चलाया। शाह ने कहा कि इसके बाद 1961 में सेना ने दमन और दीव तथा को स्वतंत्र कराया। उन्होंने कहा कि इसलिए अकेले पंडित नेहरू को इसका श्रेय नहीं दिया जाना चाहिए।