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धोखाधड़ी मामलाः ED ने हरियाणा के SRS ग्रुप की 2500 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कीं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 9, 2020 17:47 IST

धनशोधन रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत इन संपत्तियों की कुर्की का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। समूह और उसके प्रवर्तकों पर आरोप है कि उन्होंने रियल एस्टेट इकाइयां मसलन दुकानों, प्लॉट, फ्लैट और अपार्टमेंट में निवेश पर ऊंचे रिटर्न का वादा कर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की।

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ठळक मुद्देईडी ने धनशोधन और धोखाधड़ी के मामले में हरियाणा स्थित एसआरएस समूह की 2,500 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं।समूह विभिन्न क्षेत्रों मसलन सोना एवं आभूषण, जिंस, सिनेमा, खुदरा, होटल, वित्तीय सेवाएं, रियल एस्टेट, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन और धोखाधड़ी के मामले में हरियाणा स्थित एसआरएस समूह की 2,500 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं। एजेंसी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुये कहा, ‘‘एसआरएस समूह, उसके प्रवर्तकों, परिवार के सदस्यों और सहायक कंपनियों की चल और अचल संपत्तियां मसलन जमीन, रियल एस्टेट परियोजनाएं, वाणिज्यिक परियोजनाएं, आवासीय इकाइयां, सिनेमा हॉल और बैंक में मियादी जमा को कुर्क किया गया है। इन संपत्तियों का कुल मूल्य 2,510.82 करोड़ रुपये आंका गया है। 

धनशोधन रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत इन संपत्तियों की कुर्की का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। समूह और उसके प्रवर्तकों पर आरोप है कि उन्होंने रियल एस्टेट इकाइयां मसलन दुकानों, प्लॉट, फ्लैट और अपार्टमेंट में निवेश पर ऊंचे रिटर्न का वादा कर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की। हरियाणा (फरीदाबाद) और दिल्ली पुलिस ने इस मामले में समूह के खिलाफ अलग-अलग आपराधिक मामला दायर किया था। 

एसआरएस समूह की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार समूह विभिन्न क्षेत्रों मसलन सोना एवं आभूषण, जिंस, सिनेमा, खुदरा, होटल, वित्तीय सेवाएं, रियल एस्टेट, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में कार्यरत है। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि समूह के प्रवर्तक अनिल जिंदल और संस्थापक निदेशकों... जितेंद्र कुमार गर्ग और प्रवीन कुमार कपूर ने अन्य लोगों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और लोगों और संस्थानों को ऊंचे रिटर्न का वादा कर निवेश आकर्षित किया। जिंदल को फरीदाबाद पुलिस ने 2018 में गिरफ्तार किया था। 

एजेंसी ने कहा कि बाद में इस निवेश को समूह की अन्य कंपनियों में विभिन्न मुखौटा कंपनियों के जरिये इधर उधर किया गया। इन छद्म कंपनियों में कई डमी निदेशक बनाए गए जो एसआरएस समूह के कर्मचारी थे। भाषा अजय अजय महाबीर महाबीर

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