चार साल मोदी सरकारः मोदी कैबिनेट की विवादित मंत्री स्मृति ईरानी, जिनके काम नहीं कारनामे बोलते हैं!

By आदित्य द्विवेदी | Published: May 22, 2018 07:45 AM2018-05-22T07:45:02+5:302018-05-26T08:38:02+5:30

मोदी सरकार के चार सालः आज बात मोदी कैबिनेट की मंत्री स्मृति ईरानी और उनके चर्चित विवादों की।

four years of narendra modi government among Most Controversial ministers number one is Smriti Irani | चार साल मोदी सरकारः मोदी कैबिनेट की विवादित मंत्री स्मृति ईरानी, जिनके काम नहीं कारनामे बोलते हैं!

Smriti Irani| स्मृति ईरानी| मोदी सरकार के चार साल| Modi Government

नई दिल्ली, 22 मईः बीते सोमवार को मोदी कैबिनेट में फेरबदल किया गया। इसकी गाज एकबार फिर गिरी एक ऐसी मंत्री पर जिनका विवादों से गहरा नाता रहा है। पिछले चार साल के कार्यकाल में यह दूसरा मौका था जब विवादों के चलते उनसे कोई महत्वपूर्ण मंत्रालय छीन लिया गया हो। हम बात कर रहे हैं मोदी कैबिनेट की विवादित मंत्री स्मृति जुबीन ईरानी की जिनके काम नहीं कारनामे बोलते हैं।

स्मृति ईरानी का डिग्री विवाद

2014 में एनडीए सरकार बनने के बाद जो पहला बड़ा विवाद खड़ा हुआ वो स्मृति ईरानी की शैक्षणिक यौग्यता को लेकर था। स्मृति ईरानी ने चुनाव आयोग को सौपे अपने हलफनामे में जो शैक्षणिक योग्यता का ब्यौरा दिया था उसमें दो विरोधाभाषी बाते थी। एक हलफनामे में उन्होंने लिखा कि वो 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए कर चुकी हैं वहीं दूसरे हलफनामे में लिखा था कि उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स की डिग्री ली है। इसके बाद उनकी येल यूनिवर्सिटी की डिग्री पर भी एक और विवाद पैदा हुआ।

रोहुल वेमुला आत्महत्या विवाद

मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही स्मृति ईरानी विपक्ष के निशाने पर रही। हैदराबाद यूनिर्वसिटी के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को उन्होंने जिस तरह से डील किया उसने विपक्ष को और मौका दे दिया। माना जाता है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तथ्यों के साथ तोड़-मरोड़ की जिससे छात्रों का गुस्सा बढ़ गया। रोहित वेमुला की हत्या ने पूरे देश में दलित विमर्श को स्थापित किया।

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जेएनयू और डीयू विवाद

स्मृति ईरानी एचआरडी मंत्री रहते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी के खालसा कॉलेज में एक लर्निंग सेंटर का उद्घाटन करने गई थी। उस दौरान कुछ टीचर यूजीसी के नए नियमों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने स्मृति ईरानी का रास्ता रोका तो उन्होंने 45 लोगों को गिरफ्तार करवा दिया। ईरानी के इस कदम की खूब आलोचना हुई। उनका गैर-जिम्मेदाराना रवैया जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में भी देखने को मिला। वहां कुछ छात्रों ने आतंकी अफजल गुरू की फांसी को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. ईरानी ने उन सभी को खिलाफ अनुशासनात्मक जांच के आदेश दिए और गिरफ्तार करवा दिया।

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का वितरण विवाद

सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहते हुए स्मृति ईरानी ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के वितरण के लिए राष्ट्रपति की बजाए अपना नाम आगे कर दिया। यह समारोह विवादों में घिर गया था और राष्ट्रपति कोविंद भी इससे नाराज हुए थे। इस समारोह में 50 विजेता सम्मान लेने ही नहीं पहुंचे जब उन्हें पता चला कि राष्ट्रपति सिर्फ 11 लोगों को अपने हाथों पुरस्कार देंगे।

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फेक न्यूज पर तुगलकी फरमान

फेक न्यूज पर सख्त रुख अपनाते हुए स्मृति ईरानी ने गाइड लाइन्स जारी की थी जिसमें फेक न्यूज दिखाने वाले पत्रकारों की मान्यता रद्द करने की बात कही गई थी। इस मीडिया जगत में हलचल मच गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अस्वीकार करके विवाद को थामा था।

अफसरों से बदसलूकी

स्मृति ईरानी पर अपने मंत्रालय के अफसरों के साथ गलत बर्ताव का भी आरोप लगता रहा है। एक महिला आईएस अधिकारी ने तो ईरानी पर सरेआम डांटने का भी आरोप लगाया था वहीं एक अधिकारी का कहना था कि एक फाइल उन्होंने उन पर फेंकी थी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनने के बाद उन्होंने आईआईएस अधिकारियों के बड़े पैमाने पर ट्रांसफर किए। अधिकारियों ने पत्र लिखकर पीएम मोदी से इस विषय पर ध्यान देने की गुहार लगाई थी।

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English summary :
Smriti Irani contested 2014 Lok Sabha elections on BJP ticket against Rahul Gandhi from Amethi. She lost the election but was made Rajya Sabha member and became member of Narendra Modi cabinet. Smriti Irani has been in news more for all the controversies ever since she took charge as the HRD minister. She was made Information and Broadcasting Minister but was shunted out recently.


Web Title: four years of narendra modi government among Most Controversial ministers number one is Smriti Irani

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