पंजाब में विधानसभा की चार सीटों पर होगा उपचुनाव, त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
By भाषा | Updated: September 21, 2019 20:33 IST2019-09-21T20:33:43+5:302019-09-21T20:33:43+5:30
Punjab by-elections: पंजाब में 2015 में हुए धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी मामले में प्रदेश की कांग्रेस सरकार के उचित कार्रवाई करने में विफल रहने के विरोध में फूलका ने पिछले साल अक्टूबर में विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था । मुकेरियां से विधायक रजनीश कुमार पब्बी के पिछले महीने हुए निधन से यह सीट रिक्त हुई थी ।

पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है जहां 2019 के आम चुनाव में मोदी लहर का कोई असर नहीं दिखा था ।
पंजाब में विधानसभा की चार सीटों के लिए शनिवार को उपचुनाव की घोषणा की गई जिसमें सत्तारूढ़ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और शिअद भाजपा गठबंधन के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद है । पंजाब विधानसभा की चार सीटों - फगवाड़ा, जलालाबाद, दाखा और मुकेरियां - पर 21 अक्टूबर को मतदान होगा जबकि मतों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी ।
पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है जहां 2019 के आम चुनाव में मोदी लहर का कोई असर नहीं दिखा था । प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस ने 8 सीटों पर जीत हासिल की थी । पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के 77 विधायक हैं, शिरोमणि अकाली दल के 13 तथा आम आदमी पार्टी के 19 विधायक हैं । 117 सदस्यीय सदन में भाजपा और लोक इंसाफ पार्टी के दो-दो विधायक हैं ।
शिरोमणि अकाली दल जलालाबाद एवं दाखा विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगा जबकि सहयोगी भारतीय जनता पार्टी फगवाड़ा और मुकेरियां क्षेत्र से अपने उम्मीदवार उतारेगी । सत्तारूढ़ कांग्रेस किसान कर्जमाफी, नौकरियों का सृजन, नशा उन्मूलन, 42 लाख परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा जैसी महत्वकांक्षी योजनाओं को लागू करने जैसी उपलब्धियों को गिनाते हुए चुनाव में लोगों से वोट मांगेगी ।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में दावा किया था कि उनकी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के दौरान 161 वादे किये थे जिसमें से 140 का कार्यान्वयन हो चुका है और बाकी कार्यान्वयन की प्रक्रिया में है । विपक्षी आम आदमी पार्टी और शिअद भाजपा गठबंधन इस उपचुनाव में कांग्रेस को कुछ अपूर्ण वादों को लेकर घेरने का प्रयास करेगी ।
इसमें युवाओं के बीच स्मार्ट फोन का वितरण शमिल है । फगवाड़ा और जलालाबाद सीट क्रमश: सोम प्रकाश (भाजपा) और सुखबीर बादल (शिअद) के क्रमश: होशियारपुर और फिरोजपुर सीट से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद रिक्त हुई है । उच्चतम न्यायालय के प्रमुख अधिवक्ता एवं आम आदमी पार्टी विधायक एच एस फूलका के त्यागपत्र के बाद दाखा सीट रिक्त हुई है । उनका इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया था ।