कोलकता, 2 जून: आरएसएस के नागपुर में 7 जून को होने वाले कार्यक्रम के न्योते पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने कहा है कि वह अब इसका जवाब 7 जून को नागपुर में ही देंगे। प्रणव मुखर्जी ने आनंद बाजार पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा , 'मुझे जो भी कुछ कहना है, मैं नागपुर में कहूंगा। मुझे कई पत्र आए और कई लोगों ने फोन किया, लेकिन मैंने किसी का जवाब नहीं दिया है।'
गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति ने आरएसएस के हेडक्वॉर्टर पर होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम के समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर आने का न्योता स्वीकार कर लिया है। इसे लेकर कई कांग्रेस नेता विरोध में उतर रहे हैं। वहीं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, प्रणव मुखर्जी का आरएसएस का आमंत्रण स्वीकार करना एक अच्छी पहल है।
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मुर्खजी नागपुर में सात जून को आरएसएस के स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे। वहां वह कार्यकर्ता मौजूद होंगे, जिन्होंने संघ के शैक्षिक पाठ्यक्रम का तृतीय शिक्षा वर्ग पास किया है। खबरों के मुताबिक आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने मुखर्जी को तब भी न्योता दिया था, जब वह राष्ट्रपति थे।
कांग्रेस के नेताओं ने प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखकर कार्यक्रम में जाने पर एक बार पुन विचार करने को कहा है। वहीं, जयराम रमेश ने बताया कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति को लिखा कि उन जैसे विद्वान और सेक्युलर व्यक्ति को आरएसएस के साथ किसी तरह की नजदीकी नहीं दिखानी चाहिए।
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