हरियाणा में मूंगफली बेच कर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं पाकिस्तान के पूर्व सांसद, कैब पारित होने से बेहद खुश
By बलवंत तक्षक | Updated: December 15, 2019 08:39 IST2019-12-15T08:39:09+5:302019-12-15T08:39:09+5:30
दिवाया राम ने बताया कि सांसद बनने के बाद उसकी परेशानियां और बढ़ गईं. इससे खफा मुस्लिम समाज के लोगों ने 15 दिन बाद उनकी लड़की का अपहरण कर लिया था.

लोकसभा और राज्यसभा से नागरिकता संशोधन बिल पारित होने से 74 साल के दिवाया राम बेहद खुश हैं.
पाकिस्तान के पूर्व सांसद दिवाया राम हरियाणा में मूंगफली बेचकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं. गुजर-बसर के लिए वे गर्मियों में कुल्फी बेचते हैं. हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रतनगढ़ गांव में रह रहे दिवाया राम का कहना है, पाकिस्तान में गैर मुस्लिमों के लिए कुछ सीटें रिजर्व हैं. अपने पिता जुल्फीकार अली भुट्टो की हत्या के बाद जब उनकी बेटी बेनजीर भुट्टो राजनीति में आई थी तो अपने क्षेत्र में मैंने उनके स्वागत में भाषण दिया था. इससे खुश हो कर उन्होंने मुझे रिजर्व सीट से सांसद बना दिया था.
दिवाया राम ने बताया कि सांसद बनने के बाद उसकी परेशानियां और बढ़ गईं. इससे खफा मुस्लिम समाज के लोगों ने 15 दिन बाद उनकी लड़की का अपहरण कर लिया और पद छोड़ने की धमिकयां मिलने लगीं. दिवाया राम के मुताबिक उसे धर्म परिवर्तन कर मामला खत्म करने की नसीहत दी गई. आखिर तंग हो कर उसने न केवल सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया, बल्कि पाकिस्तान छोड़ कर भारत में शरण ले लेने का फैसला कर लिया.
पाकिस्तान में लगातार प्रताड़ना झेलते रहे पूर्व सांसद अपनी जान बचा कर हरियाणा में आ गए. पाकिस्तान में 25 बीघा जमीन छोड़कर आये दिवाया राम का कहना है, मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए उस पर लगातार गोमांस खाने के लिए दबाव बनाया जाता था. जब कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई तो जमीन और घर छोड़कर वर्ष 2000 में एक महीने के वीजा पर भारत आना पड़ा.
पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के लिहय्या जिले के चकपिडी गांव के दिवाया राम शुरू में रोहतक जिले के कलानौर में आये थे. लेकिन पिछले 13 साल से अब फतेहाबाद जिले के रतनगढ़ गांव में रह रहे हैं. नागरिकता संशोधन बिल पास होने से खुश लोकसभा और राज्यसभा से नागरिकता संशोधन बिल पारित होने से 74 साल के दिवाया राम बेहद खुश हैं. इस बिल के पारित होने से उसे और उनके परिवार को भारत की नागरिकता मिलने की उम्मीद है. उनके परिवार में 12 सदस्य हैं. उन्हें लगता है कि उनके परिवार का राशन कार्ड बन जाएगा और भारत सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ भी उठा सकेंगे.