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महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के आवासों पर छापेमारी, 10 बार मालिकों से 4 करोड़ रिश्वत लेने का आरोप

By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 25, 2021 19:57 IST

केंद्रीय जांच एजेंसी ने सीबीआई की एक प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद पिछले महीने देशमुख (71) और अन्य के खिलाफ धन शोधन रोकथाम कानून के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।

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ठळक मुद्देदेशमुख के नागपुर में स्थित आवास पर भी छापे मारे गए।सीबीआई ने प्रारंभिक जांच की थी जिसके बाद ईडी ने मामला दर्ज किया।राकांपा नेता देशमुख उस वक्त ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में गृह मंत्री थे।

मुंबईः  प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ के मुंबई और नागपुर स्थित आवासों पर छापेमारी की है। धन शोधन के एक मामले की जांच हो रही है। 

ईडी की इस छापेमारी के पीछे अब एक बड़ी वजह सामने आई है। ईडी को पता चला है कि मुंबई में 10 बार मालिकों ने लगातार तीन महीने तक अनिल देशमुख को 4 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। ईडी ने आज सुबह से चार अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की है।

अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित आवास भी शामिल हैं। अनिल देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। ईडी ने अनिल देशमुख के आवास के अलावा उनके निजी सहायक कुंदन शिंदे और निजी सचिव संजीव पलांडे के घरों पर भी छापेमारी की।

मुंबई के 10 बार मालिकों के जवाब दर्ज किए

इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि सबूत है कि मुंबई में एक बार मालिक द्वारा अनिल देशमुख को नकद भुगतान किया गया था और ईडी के संज्ञान में आया है और इस आधार पर ईडी ने आज छापेमारी शुरू की है।ईडी ने वित्तीय कदाचार मामले में मुंबई के 10 बार मालिकों के जवाब दर्ज किए हैं।

अनिल देशमुख उन आरोपों की सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया था। आरोप है कि मुंबई पुलिस से सस्पेंड किए गए सचिन वाझे मुंबई में बार मालिकों से हर महीने 40-50 लाख रुपए वसूल रहे थे।

उच्च न्यायालय ने सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए रिश्वत के आरोपों की जांच के लिए कहा था। अधिकारियों ने बताया कि तलाशी लेने वाले दल अतिरिक्त सबूत की तलाश कर रहे हैं जो उनकी जांच में अहम हो सकते हैं।

देशमुख ने वाझे से 100 करोड़ वसूलने को कहा था

एजेंसी की जांच उस आरोप पर केंद्रित है कि महाराष्ट्र में पुलिसकर्मियों के तबादलों, नियुक्तियों में अवैध निधि अर्जित की गई और क्या पुलिसकर्मियों से अवैध वसूली की गई जैसा सिंह ने अपनी शिकायत में दावा किया है। ईडी के पास जांच के स्तर के दौरान आरोपियों की संपत्तियां कुर्क करने और मुकदमे के लिए पीएमएलए अदालत के समक्ष उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर करने की शक्तियां हैं।

मुंबई में कारोबारी मुकेश अंबानी के घर के पास एक एसयूवी मिलने की जांच के दौरान पुलिसकर्मी सचिन वाजे की भूमिका सामने आने के बाद सिंह को पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया था। इस एसयूवी में विस्फोटक सामग्री रखी मिली थी। पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने वाझे से मुंबई के बार और रेस्त्रां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक वसूलने के लिए कहा था।

टॅग्स :अनिल देशमुखप्रवर्तन निदेशालयसीबीआईराष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टीमुंबईउद्धव ठाकरे सरकार
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