पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का एकबार फिर NDA की ओर झुकाव, झारखंड में मिलकर चाहते हैं लड़ना विधानसभा चुनाव
By एस पी सिन्हा | Published: July 29, 2019 06:14 PM2019-07-29T18:14:19+5:302019-07-29T18:14:44+5:30
उल्लेखनीय है कि हम बाद में एनडीए में शामिल हो गया था और वर्ष 2015 का बिहार विधानसभा चुनाव पार्टी ने एनडीए में शामिल रही भाजपा, रालोसपा और लोजपा के साथ मिलकर लड़ा था.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा-सेक्युलर (हम-से) झारखंड विधानसभा के आगामी चुनावों को लेकर भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के संपर्क में है. हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने बताया कि उनकी पार्टी झारखंड में ऑल इंडिया झारखंड स्टूडेंटस यूनियन (आजसू) के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है.
मांझी ने बताया कि आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो के साथ व्यक्तिगत संबंध के कारण गठबंधन को अंतिम रूप दिया जा रहा है. अंतिम दौर की बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि सीटों की संख्या को लेकर दोनों दलों के बीच कोई टकराव नहीं है. पूर्व में जदयू में रहे जीतन राम मांझी को उनकी पार्टी के नेता नीतीश कुमार ने 2014 में मुख्यमंत्री पद सौंप दिया था.
मांझी को मुख्यमंत्री तब बनाया गया था, जब 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की करारी हार की जिम्मेवारी लेते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, बाद में नीतीश कुमार से नाराजगी मोल लेने के बाद वर्ष 2015 में मांझी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पडा था.
उल्लेखनीय है कि हम बाद में एनडीए में शामिल हो गया था और वर्ष 2015 का बिहार विधानसभा चुनाव पार्टी ने एनडीए में शामिल रही भाजपा, रालोसपा और लोजपा के साथ मिलकर लड़ा था. उस वक्त नीतीश कुमार ने 2013 में भाजपा से नाता तोड़ लिया था और 2015 का बिहार विधानसभा चुनाव महागठबंधन बनाकर राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था.
विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद प्रदेश में महागठबंधन की नई सरकार बनाई गई थी. उसके बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस से 2017 में नाता तोड कर एनडीए में शामिल हो गये थे और बिहार में भाजपा और लोजपा के साथ मिलकर नई सरकार बना ली थी.
उसके कुछ दिनों बाद जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने एनडीए से नाता तोड़ते हुए बिहार के विपक्षी महागठबंधन में शामिल हो गई थी. इसके बाद उसने पिछला लोकसभा चुनाव राजद, कांग्रेस, रालोसपा और विकासशील इंसान पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. लेकिन उसमें उन सभी को करारी हार का सामना करना पडा. इसके बाद अब जीतन राम मांझी महागठबंधन से कटे-कटे दिख रहे हैं.