पूर्व सीआईसी ने डिजिटल सुनवाई को न्यायिक प्रणाली की स्थायी व्यवस्था बनाने का आह्वान किया

By भाषा | Updated: April 11, 2021 21:24 IST2021-04-11T21:24:45+5:302021-04-11T21:24:45+5:30

Former CIC calls for digital hearings to be permanent system of judicial system | पूर्व सीआईसी ने डिजिटल सुनवाई को न्यायिक प्रणाली की स्थायी व्यवस्था बनाने का आह्वान किया

पूर्व सीआईसी ने डिजिटल सुनवाई को न्यायिक प्रणाली की स्थायी व्यवस्था बनाने का आह्वान किया

नयी दिल्ली, 11 अप्रैल पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) शैलेश गांधी ने डिजिटल सुनवाई को न्यायिक प्रणाली की एक स्थायी व्यवस्था बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि उच्चतम न्यायालय की ई-समिति की ये उपलब्धियां अभी अधूरी हैं, जो 2005 के आसपास ही गठित की गई थीं।

उन्होंने यह सुझाव उच्चतम न्यायालय की ई-समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को सौंपते हुए कहा है कि समिति द्वारा सार्वजनिक पटल पर रखी गई मसौदा रिपोर्ट में पहले के प्रयासों के प्रभाव और सिफारिशों के किसी वास्तविक मूल्यांकन का अभाव है।

एक दशक पहले केंद्रीय सूचना आयोग में कागज रहित कामकाज शुरू करवाने वाले गांधी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की ई-समिति 2005 के आसपास बनाई गई थी और ऐसा लगता है कि इसकी वास्तविक उपलब्धियाँ अपर्याप्त हैं।

समिति के निष्कर्षों का हवाला देते हुए, गांधी ने कहा कि रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि कुल 639.411 करोड़ रुपये और 1670 करोड़ रुपये अदालतों में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी आधारित प्रणालियों को लागू करने में खर्च किए गए हैं।

गांधी ने कहा कि समिति ने कुछ डिजिटल न्यायालयों की स्थापना का उल्लेख किया है, जबकि सभी अदालतों को प्रभावी रूप से वर्चुअल अदालत के रूप में भी काम करना चाहिए।

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Web Title: Former CIC calls for digital hearings to be permanent system of judicial system

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