नई दिल्ली:बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से पहले सुशांत सिंह राजपूत मामले में बयान देकर देश भर में प्रसिद्ध हुए बिहार के पूर्व डीजीपी ने पिछले दिनों जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। चर्चा इस बात की थी कि बक्सर सीट से गुप्तेश्वर पांडे नीतिश कुमार की पार्टी से चुनाव लड़ सकते हैं।
इन सबके बीच एक बार फिर से गुप्तेश्वर पांडे का सपना पूरा नहीं हो सका। क्योंकि भाजपा के खाते में बक्सर की सीट गई है। अब यह भाजपा पर निर्भर करता है कि वह यहां किसे उम्मीदवार बनाकर उतारे। इससे पहले भी लोकसभा चुनाव 2009 से पहले भी चुनाव लड़ने के लिए गुप्तेश्वर पांडे ने वीआरएस लिया था, लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया था।
इंडिया टुडे की मानें तो मंगलवार रात भाजपा ने 27 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी लेकिन बक्सर जिले की दो सीटों- बक्सर और ब्रह्मपुर को छोड़ दिया गया था। हालांकि पांडे के लिए कोई और वैकल्पिक सीट देखी जा रही है।
पूर्व डीजीपी ने दिप्रिंट को बताया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। पांडे ने बुधवार सुबह कहा, ‘मैं कॉल का इंतजार कर रहा हूं।’ संयोग से ब्रह्मपुर सीट बीजेपी के द्वारा विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को देने की संभावना है- बॉलीवुड सेट डिजाइनर मुकेश साहनी की पार्टी जिन्होंने पिछले हफ्ते ही विपक्षी गठबंधन छोड़ दिया था।
दरअसल, बीते दिनों बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास पर सीएम नीतीश कुमार की मौजूदगी में जनता दल यूनाइटेड में शामिल हुए थे। सीएम नीतीश कुमार ने उन्हें जेडीयू की सदस्यता दिलाई थी। सदस्यता लेने से कुछ दिन पहले ही पूर्व डीजीपी ने कुछ ही दिन पहले वीआरएस लिया था।
इसके बाद सीएम आवास से निकलकर पूर्व डीजीपी ने कहा था कि मुझे सीएम नीतीश कुमार जी ने खुद फोन कर बुलाया था। इसके बाद सीएम आवास पर मैं जदयू का हिस्सा हो गया हूं। अब पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी मैं उसे लेने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा था कि मैं राजनीति को ज्यादा नहीं समझता हूं। मैं बेहद समान्य इंसान हूं। मैंने समाज के गरीब व पिछड़े लोगों के लिए पुलिस विभाग में रहकर लंबे समय तक काम किया है।