पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली करने होंगे सरकारी बंगले

By एस पी सिन्हा | Published: February 19, 2019 08:23 PM2019-02-19T20:23:45+5:302019-02-19T20:23:45+5:30

2016 में बिहार की तत्कालीन सरकार ने बिहार विशेष सुरक्षा कानून में संशोधन करते हुए राज्य के पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगला आवंटित करने और सुरक्षा दस्ता देने का संशोधित नियमावली को जारी किया था. राबड़ी देवी परिवार के साथ एक ही बंगले में रहती हैं.

former Bihar chief ministers can not retain government bungalows for life says Patna High Court | पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली करने होंगे सरकारी बंगले

पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, पूर्व मुख्यमंत्रियों को खाली करने होंगे सरकारी बंगले

पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार (19 फरवरी) को एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि अब बिहार में सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास खाली करना होगा. इससे पहले मुख्यमंत्रियों के आजीवन सरकारी बंगले की सुविधा को खत्म करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसका फैसला सुरक्षित रखा था, जिस पर आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है. 

मुख्य न्यायाधीश ए.पी. शाही की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि यह सुविधा असंवैधानिक और आम जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे का दुरु पयोग है. हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि पद से हटने के बाद इस तरह की सुविधाएं दिया जाना बिल्कुल गलत है. 

इसके साथ ही सरकारी बंगले में असीमित खर्च करने की छूट को हाईकोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया है और कहा है कि पब्लिक के पैसे से अब आराम तलबी नहीं चलेगी. कोर्ट ने कहा कि विधायक एवं विधान पार्षद की हैसियत से फ्लैट रख सकते हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से मिले बंगले को अब छोड़ देना होगा. 

इन नेताओं को छोड़ना होगा अपना आवास

पटना हाईकोर्ट के इस फैसले से कई पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास छिन जाएंगे. जिसमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, सतीश प्रसाद सिंह के साथ ही डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र, जीतन राम मांझी को भी अपना आवास छोड़ना पडेगा. इससे यह साफ है कि बिहार में एक और राजनीति का मुद्दा बन गया है. 

बता दें कि 2016 में बिहार की तत्कालीन सरकार ने बिहार विशेष सुरक्षा कानून में संशोधन करते हुए राज्य के पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगला आवंटित करने और सुरक्षा दस्ता देने का संशोधित नियमावली को जारी किया था. राबड़ी देवी परिवार के साथ एक ही बंगले में रहती हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव दोनों को आजीवन अलग-अलग सरकारी बंगलों में रहने का प्रावधान है. इसके बावजूद राबड़ी देवी और लालू यादव अपने पूरे परिवार के साथ एक ही बंगले 10, सर्कुलर रोड में रहते हैं. 2005 में सत्ता से बेदखल होने के बाद से ही राबड़ी देवी के नाम पर इस बंगले को आवंटित किया गया था.

राबड़ी देवी 1997 से लेकर 1999 और फिर 1999 से लेकर 2000 तथा 2000 से लेकर 2005 के बीच तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहीं और लालू प्रसाद यादव 1990 से 1995 और 1995 से लेकर 1997 के बीच दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे. इन दोनों के साथ-साथ जीतन राम मांझी, डॉक्टर जगन्नाथ मिश्र और सतीश प्रसाद सिंह भी पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते सरकारी बंगले में रह रहे हैं. सिंह 1968 में केवल 3 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे. 

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