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पूर्व सेना प्रमुख नरवणे ने कहा, 'मणिपुर हिंसा में विदेशी ताकतों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 30, 2023 11:48 IST

पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने मणिपुर के हिंसक और अस्थिर हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए मणिपुर में विदेशी ताकतों की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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ठळक मुद्देपूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने मणिपुर के हिंसक और अस्थिर हालात पर जताई चिंता उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा में विदेशी ताकतों की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता हैजनरल नरवणे ने कहा कि पूर्वोत्तर बहुत पहले से नशीले पदार्थों की तस्करी का केंद्र रहा है

नई दिल्ली: पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने बीते मई महीने से मणिपुर में चल रही हिंसा पर बेहद गंभीर टिप्पणी करते हुए पड़ोसी मुल्क चीन पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि मणिपुर में जिस तरह से हिंसक अस्थिरता चल रही है, उसे देखते हुए विदेशी ताकतों की साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है।

समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार जनरल नरवणे ने पूर्वोत्तर में दशकों से चल रही विद्रोही गतिविधियों में चीन की परोक्ष भूमिका को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि मणिपुर में बीते मई से जारी अनवरत हिंसा को देखते हुए विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है।

जनरल नरवणे ने कहा, "केवल मणिपुर की में ही अस्थिरता की बात नहीं है, बल्कि पड़ोसी देश म्यांमार भी ऐसे ही हालात से जूझ रहा है और ऐसे हालात हमारे संपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भारी खतरे का सबब बन सकते है क्योंकि यह हमारे आंतरिक सुरक्षा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।"

उन्होंने शुक्रवार की शाम एक कार्यक्रम में मणिपुर के तनावपूर्ण हालात पर कहा, "मुझे यकीन है कि जो लोग कुर्सी पर हैं वो जिम्मदारी से अपनी कार्रवाई कर रहे हैं, हिंसा की स्थिति को खत्म किये जाने के लिए राज्य सरकार और सुरक्षा बल अपना सर्वश्रेष् दे रहे हैं। हालात जल्द सामान्य होंगे, ऐसी हमें उम्मीद करनी चाहिए।"

जनरल नरवणे ने आगे कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के बारे में अनुमान लगाने की कोशिश से बचना चाहिए और हालात से निपटने के लिए जमीन पर मौजूद व्यक्ति अच्छी तरह से जानता है कि उसे क्या करना है।

पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि यह बात स्पष्ट है कि बीते कई दशकों से चीन भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवाद को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा, "मैं न केवल यह कहूंगा कि विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है, बल्कि मैं कहूंगा कि मणिपुर हिंसा में शामिल विभिन्न विद्रोही समूहों को  निश्चित रूप से चीनी सहायता मिल रही है। वे कई वर्षों से उनकी मदद कर रहे हैं और शायद आगे भी ऐसा करते रहें।"

मणिपुर हिंसा में मादक पदार्थों की तस्करी की सवाल पर जनरल नरवणे ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, पूर्वोत्तर में नशीले पदार्थों की तस्करी बहुत लंबे समय से एक बड़ी समस्या रही है और पिछले कुछ वर्षों में नशीले पदार्थों की बरामदगी भी बड़ी मात्रा में हुई है।

टॅग्स :मणिपुरचीनभारतArmy
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