विदेशी सैन्य कमांडरों, दूतों ने जनरल रावत को दी अंतिम बिदाई

By भाषा | Updated: December 10, 2021 21:58 IST2021-12-10T21:58:35+5:302021-12-10T21:58:35+5:30

Foreign military commanders, envoys bid farewell to General Rawat | विदेशी सैन्य कमांडरों, दूतों ने जनरल रावत को दी अंतिम बिदाई

विदेशी सैन्य कमांडरों, दूतों ने जनरल रावत को दी अंतिम बिदाई

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर जनरल बिपिन रावत के निधन पर जहां दुनिया भर से शोक संदेश प्राप्त हुए, वहीं कई विदेशी सैन्य कमांडर, दूत और ‘डिफेंस अताशे’ ने शुक्रवार को बरार स्क्वेयर अंत्येष्टि स्थल में भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) को अंतिम विदाई दी।

जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का शुक्रवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गत बुधवार को जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य सशस्त्र बल कर्मियों की तमिलनाडु में कुन्नूर के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।

सेना प्रमुख और सीडीएस के रूप में अपनी भूमिकाओं में जनरल रावत ने पड़ोसी देशों सहित समान विचारधारा वाले देशों के साथ रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत की सैन्य कूटनीति के विस्तार पर लगातार जोर दिया।

जनरल रावत के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले विदेशी सैन्य कमांडरों में श्रीलंकाई सेना के कमांडर एवं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल शैवेंद्र सिल्वा, बांग्लादेश के सशस्त्र बल डिवीजन के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल वाकर-उज़-ज़मान, रॉयल भूटान सेना के डिप्टी चीफ ऑपरेशंस ऑफिसर ब्रिगेडियर दोरजी रिनचेन और नेपाली सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल बाल कृष्ण कार्की शामिल थे।

श्रीलंका के पूर्व चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ एडमिरल रवींद्र चंद्रसिरी विजेगुनारत्ने (सेवानिवृत्त) भी जनरल रावत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। दोनों सैन्य कमांडर नेशनल डिफेंस कॉलेज में एक ही बैच में थे।

बुधवार को जनरल रावत के निधन की खबर सार्वजनिक होने के बाद, रूस और अमेरिका दोनों ने एक बेहतरीन सैन्य कमांडर के रूप में उनकी भूमिका को स्वीकार करते हुए उनकी असामयिक मृत्यु पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।

भूटान, इजरायल, मालदीव, मॉरीशस और श्रीलंका के राष्ट्राध्यक्षों और सरकारों के प्रमुखों से शोक संदेश आए, वहीं कई देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने भी जनरल रावत के निधन पर दुख व्यक्त किया।

विदेश मंत्रियों के स्तर पर शोक संदेश अमेरिका, भूटान, चेक गणराज्य, जापान, मालदीव, ओमान, सर्बिया, श्रीलंका और वेनेजुएला सहित कई देशों से आए। इसी तरह के संदेश ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चेक गणराज्य, यूरोपीय संघ, इज़रायल, लातविया, मालदीव, पाकिस्तान, श्रीलंका, ब्रिटेन और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों द्वारा भी भेजे गए।

अमेरिकी दूतावास के एक बयान में कहा गया है, ‘‘भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के रूप में, जनरल रावत ने भारतीय सेना में परिवर्तन के ऐतिहासिक काल का नेतृत्व किया।’’

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि जनरल रावत ‘‘भारत के हितों के एक मजबूत पैरोकार थे और उनका निधन हमारे दोनों देशों के लिए एक बड़ी क्षति है।’’

रूसी दूत निकोलाय कुदाशेव ने कहा कि मास्को ने एक बहुत करीबी दोस्त खो दिया है जिसने भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभायी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत के साथ शोक मना रहे हैं। अलविदा, दोस्त।’’

जनरल रावत ने पिछले साल 1 जनवरी को सेना, नौसेना और भारतीय वायुसेना के कामकाज में अभिसरण लाने और देश के समग्र सैन्य कौशल को बढ़ाने के लिए भारत के पहले सीडीएस के रूप में कार्यभार संभाला था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Foreign military commanders, envoys bid farewell to General Rawat

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे