ओडिशा में विदेशी शराब होगी सस्ती, नई नीति में वाइन, बीयर और देशी शराब की बोतलों पर एमआरपी लिखना होगा जरूरी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 1, 2022 10:31 PM2022-04-01T22:31:48+5:302022-04-01T22:42:39+5:30
ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार की ओर से जारी की गई नई आबकारी नीति में कहा गया है कि विदेशी शराब की बिक्री के संबंध में पड़ोसी राज्यों के साथ न्यूनतम खुदरा मूल्य की असमानता को कम करने और उच्च गुणवत्ता वाले और कम ताकत की विदेशी शराब को बढ़ावा देने के लिए टैक्स में कटौती की गई है।
भुवनेश्वर: ओडिशा में विदेशी शराब और भी सस्ती होने जा रही है क्योंकि नवीन पटनायक सरकार द्वारा साल 2022-23 के लिए जारी की गई नई आबकारी नीति में विदेशी शराब पर उत्पाद शुल्क को कम कर दिया है।
नई आबकारी नीति में कहा गया है कि विदेशी शराब की बिक्री के संबंध में पड़ोसी राज्यों के साथ न्यूनतम खुदरा मूल्य की असमानता को कम करने और उच्च गुणवत्ता वाले और कम ताकत की विदेशी शराब को बढ़ावा देने के लिए टैक्स में कटौती की गई है। हालांकि नई आबकारी नीति में भारत में बनी विदेशी शराब और बीयर के उत्पाद शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
पटनायक सरकार द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देशों के मुताबिक राज्य शराब के निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन और बिक्री से जुड़ी प्रक्रियाओं में व्यापक सुधार लाना चाहती है। इसलिए नई नीति के तहत विदेशी शराब के दामों में कमी की जाएगी ताकि राज्य के नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण को और भी बल मिले।
इस साल की आबकारी नीति में लाइसेंस शुल्क, न्यूनतम गारंटीकृत मात्रा, निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं के साथ-साथ खुदरा विक्रेताओं के लिए आवेदन शुल्क में मामूली वृद्धि की गई है। इसके साथ ही नई नीति में कहा गया है कि भुवनेश्वर, बरहामपुर, संबलपुर और राउरकेला नगर निगमों के साथ-साथ चार अन्य नगर पालिकाओं में कुछ और प्रीमियम दुकानें खोलने का प्रस्ताव है।
राज्य में कम मादक पदार्थों को बढाा देने के लिए आबकारी नीति को फिर से डिजाइन किया गया है। इसी तरह नये नियमों के अनुपालन में सुधार के लिए अस्थायी बार लाइसेंस के लिए शुल्क को भी कम किया गया है। वहीं शराब व्यापार को आसान बनाने के लिए नई आबकारी नीति के अनुसार ओडिशा सरकार परमिट, लाइसेंस और भुगतान को सुगम बनाने का प्रयास किया गया है।
वहीं नई आबकारी नीति के मुताबिक देवी-देवताओं और अन्य धार्मिक प्रतिष्ठानों के नाम से शराब की दुकान का लाइसेंस नहीं जारी किया जाएगा। इसके साथ ही नई नीति के तहत वाइन, बीयर और देशी शराब की प्रत्येक बोतल पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) लिखा होना आवश्यक होगा और सभी विक्रेताओं को शराब खरीदने वाले उपभोक्ताओं को कैश मेमो जारी करने का भी आदेश दिया गया है, अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो वेंडरों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।