सीबीआई पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि ये फैसला सकारात्मक है। उनका कहना है कि केन्द्र सरकार ने इस पूरे मामले में जो भी कदम उठाए हैं, वह मोदी सरकार के फैसले को बल देता है। उन्होंने कहा कि देशहित में सच सामने आना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों पर दो सप्ताह के भीतर जांच करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव पर कोई भी अहम नीतिगत निर्णय लेने से रोक लगा दी है।
अरुण जेटली ने कोर्ट के आदेश पर कहा, सीबीआई में हाल में जो भी आंतरिक कलह और घटनाए हुई हैं उससे उसकी छवि धूमिल हो गई है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने दो सप्ताह में जांच करने का आदेश देकर निष्पक्षता के मानदंडों को और मजबूती देने का काम किया है।
उन्होंने कहा, सरकार केवल सीबीआई की संस्थागत निष्ठा, पेशेवर रुख और छवि को बनाये रखने में रुचि रखती है। जेटली के मुताबिक, सीबीआई मामले में सीवीसी जांच निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिये है। देश हित में सच्चाई सामने आना जरूरी है।
बता दें कि सीबीआई घूस कांड मामले में नि्ष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए न्यायालय ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति की है, जिनकी निगरानी में पूरी जांच होगी।"
क्या है सुप्रीम कोर्ट का सीबीआई पर फैसला
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा केस में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एके पटनायक के निगरानी में दो हफ्ते में जाँच पूरी करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तक सीबीआई के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव के किसी तरह का नीतिगत फैसला लेने पर भी रोक लगा दी है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)