अरुण जेटली ने ब्लॉग में कांग्रेस पर साधा निशाना, राहुल से पूछा- कौन है मानवाधिकारों का दुश्मन?
By पल्लवी कुमारी | Published: June 22, 2018 07:10 PM2018-06-22T19:10:48+5:302018-06-22T19:10:48+5:30
जेटली ने कहा है कि मानवाधिकार भारत के संसदीय लोकतंत्र और संविधान का अहम हिस्सा रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर हमारे यहां एक ऐसा संविधान है जो हर नागरिक को मूल मानवाधिकारों की गारंटी देता है।
नई दिल्ली, 22 जून: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस और उनके अध्यक्ष राहुल गांधी पर अपने ब्लॉग के माध्यम से जमकर निशाना साधा है। ब्लॉग में जेटली ने कांग्रेस पर आतंकवादियों और माओवादियों की विचारधारा के प्रति सहानुभूति रखने का आरोप लगाया है। जेटली के ब्लॉग के की हेडिंग है- मानवाधिकारों को किससे खतरा है?( जेटली का यह ब्लॉग अंग्रेजी में लिखा हुआ है।)
जेटली ने कहा है कि मानवाधिकार भारत के संसदीय लोकतंत्र और संविधान का अहम हिस्सा रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर हमारे यहां एक ऐसा संविधान है जो हर नागरिक को मूल मानवाधिकारों की गारंटी देता है। लेकिन दो विचारधाराओं से जुड़े लोग देश के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
Who Is Threatening Human Rights? https://t.co/dPbihRlFQl
— Arun Jaitley (@arunjaitley) June 22, 2018
उन्होंने आगे लिखा, कांग्रेस पार्टी ऐतिहासिक तौर पर यूं तो इन विचारधार का विरोध करती रही है लेकिन राहुल गांधी के मन में इनके लिए कहीं-न-कहीं सहानुभूति दिख रही है। उनमें जेएनयू और हैदराबाद में आपत्तिजनक नारेबाजी करने वालों के साथ जाने का भी कोई अफसोस नहीं दिख रहा है।
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उन्होंने लिखा, कश्मीर में मस्क्यूलर या सख्त नीति की बात की जाती है। एक मर्डरर से निपटना भी कानून और व्यवस्था का मामला है। इसके लिए कई राजनीतिक समाधान का इंतजार नहीं किया जाना चाहिए। जेटली ने आगे लिखा है कि जिहादी सिर्फ एक धर्म में यकीन करते हैं और माओवादी मानते हैं कि किसी और के लिए जगह नहीं है। दोनों विचारों के बीच एक तरह का तालमेल दिखता रहा है।
जेटली ने इस ब्लॉग में साफ किया है कि हमारी सरकार की नीति आतंकवादियों से हर भारतीय के मानव अधिकार की रक्षा करना है, वह चाहे आदिवासी हो या कश्मीरी। जेटली ने आगे लिखा, जिहादियों और अलगाववादियों में से कई को हमारे पड़ोसियों से ट्रेनिंग मिली है और पैसा मिलता है। ये देश के कुछ हिस्सों में हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर में ये लोग कुछ ज्यादा ही सक्रिय हैं। कुछ कश्मीर के नौजवान भी इनके साथ हो गए हैं। वहीं दूसरा गुट माओवादियों का है, जो मध्य भारत के कुछ आदिवासी बहुत जिलों में फैल गए हैं। ये दोनों ही गुट मिलकर लोकतांत्रिक तरीकों से चुनी गई सरकारों को हटाने में विश्वास करते हैं।
अपने ब्लॉग के अंत में जेटली ने लिखा है- हमारे सरकारी की नीति देश के हर व्यक्ति के मानवाधिकारों की रक्षा करना है, चाहे फिर वह कोई कश्मीरी हो या आदिवासी।
अरुण जेटली का पूरा ब्लॉग पढ़ने के लिए यहां किल्क करें।