कांग्रेस के बोल, नोटबंदी आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला, इसकी निष्पक्ष जांच हो
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 22, 2018 04:34 PM2018-06-22T16:34:41+5:302018-06-22T16:34:41+5:30
कांग्रेस ने नोटबंदी के दौरान कुछ दिनों के भीतर गुजरात के कई सहकारी बैंकों में हजारों करोड़ रुपये जमा होने का दावा किया है।
नई दिल्ली, 22 जून : कांग्रेस ने नोटबंदी के दौरान कुछ दिनों के भीतर गुजरात के कई सहकारी बैंकों में हजारों करोड़ रुपये जमा होने का दावा करते हुए आज आरोप लगाया कि नोटबंदी आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है जिसकी विस्तृत और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने 'आरटीआई आवेदनों से मिले जवाब के कागजात' पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को जवाब देना चाहिए कि नोटबंदी के समय भाजपा और आरएसएस ने कितनी संपत्तियां खरीदीं और उनकी कुल क्या कीमत है? सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, "नोटबंदी आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। इसकी विस्तृत और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।'
उन्होंने आरोप लगाया, 'अमित शाह जिस सहकारी बैंक के निदेशक हैं उस बैंक ने नोटबंदी के बाद 10 दिनों में 745 करोड़ रुपये जमा कराए।' कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि गुजरात में भाजपा नेताओं द्वारा संचालित 11 बैंकों में पांच दिन के भीतर 3118 करोड़ रुपये से अधिक जमा कराए गए। सुरजेवाला ने कहा, 'क्या प्रधानमंत्री इन मामलों की निष्पक्ष जांच कराएंगे?' उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस पर जवाब देंगे।
नोटबंदी के बाद पांच सौ और हजार के नोट बैंकों ने वापस मांग लिए थे। इसका खुलासा एक आरटीआई द्वारा हुआ है। ये आरटीआई मुंबई के एक्टिविस्ट ने मनोरंजन एस रॉय डाली थी, जिसके जवाब में उन्हें ये जानकारी नाबार्ड (जो इन बैंकों की सर्वोच्च अपीलीय इकाई) के चीफ जनरल मैनेजर एस. सर्वनावेल ने दी है। और दिलचस्प बात ये है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इस जिला सहकारी बैंक के निदेशक हैं।
आठ नंवबर 2016 को प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। पहले उन्होंने 30 दिसंबर 2016 तक आम जनता को पुराने नोट जमा करने का समय दिया था। लेकिन काले धन के सफेद करने के डर से वो तारीख बदलकर 14 नवंबर कर दी गई। नए निर्देश में ये कहा गया कि किसी भी सहकारी बैंक में नोट नहीं बदले जाएंगे। लेकिन नोटबंदी के ठीक पांच दिन बाद एडीसीबी बैंक में 745.59 करोड़ की रकम जमा की गई थी। बैंक की वेबसाइट के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष सालों से इस बैंक के निदेशक हैं। साल 2000 में वे इस बैंक के अध्यक्ष भी रह चुके थे।
31 मार्च 2017 तक एडीसीबी में कुल 5,050 करोड़ रुपये जमा हुए थे। वित्त वर्ष 2016-17 का इसका मुनाफा 14.31 करोड़ का था। ये कलेक्शन 122 ब्रांच के 22 लाख खाताधारियों का था। और ये सारी राशि सही तरीके से जमा कराए गए हैं।
नोटबंदी के दौरान एडीसीबी के बाद सबसे ज्यादा प्रतिबंधित नोट राजकोट जिला सहकारी बैंक में जमा हुआ है। राजकोट बैंक के चेयरमैन जयेशभाई विट्ठलभाई रदाड़िया हैं, जो गुजरात की विजय रूपाणी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर हैं। इस बैंक में 693.19 करोड़ के पुराने नोट जमा हुए थे।
गुजरात में राजकोट भाजपा का राजनीतिक गढ़ माना जाता है। साल 2001 में नरेंद्र मोदी पहली बार यहीं से विधायक बने थे। वहीं राज्य के सबसे बड़े सहकारी बैंक 'गुजरात सहकारी बैंक लिमिटेड' में इन दोनों सहकारी बैंकों के मुकाबले बहुत कम रुपए 1.11 करोड़ रुपये जमा हुए थे।
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