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आंध्रप्रदेश के दो जिलों में बाढ़ का खतरा, कई गांव जलमग्न, एसडीआरएफ को किया तैनात

By भाषा | Updated: August 17, 2020 05:35 IST

जगन मोहन रेड्डी ने जिलाधिकारियों से कहा कि नियमित रूप से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से समन्वय करें और प्रभावित लोगों के राहत एवं बचाव कार्यों के लिए आवश्यक कदम उठाएं। एसडीआरएफ की दो टीम पश्चिम गोदावरी जिले में और एक पूर्वी गोदावरी जिले में तैनात है।

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ठळक मुद्देगोदावरी नदी के उफान पर होने के कारण आंध्रप्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में बाढ़ का खतरा जारी है और कई गांव जलमग्न हो गए हैं। दोनों जिलों में अभी तक 3340 लोगों को 16 राहत शिविरों में भेजा जा चुका है।

अमरावतीः गोदावरी नदी के उफान पर होने के कारण आंध्रप्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में बाढ़ का खतरा जारी है और कई गांव जलमग्न हो गए हैं। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए राज्य आपदा मोचन बल की तीन टीम तैनात की गई है। दोनों जिलों में अभी तक 3340 लोगों को 16 राहत शिविरों में भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की है और दोनों जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि हाई अलर्ट पर रहें और सुनिश्चित करें कि आपदा के कारण किसी का जीवन नहीं जाए। 

सीएमओ की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक, जगन मोहन रेड्डी ने जिलाधिकारियों से कहा कि नियमित रूप से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से समन्वय करें और प्रभावित लोगों के राहत एवं बचाव कार्यों के लिए आवश्यक कदम उठाएं। एसडीआरएफ की दो टीम पश्चिम गोदावरी जिले में और एक पूर्वी गोदावरी जिले में तैनात है। एसडीआरएफ की एक और टीम को राजामहेंद्रवरम भेजा जा रहा है। 

पश्चिम गोदावरी जिले के जिलाधिकारी रेवु मुतयलराजू ने बताया कि गोदावरी के पानी का स्तर रविवार की शाम तक 53 फुट तक पहुंच गया जिसके बाद तीसरी चेतावनी जारी की गई है। दोवालेश्वरम के सर आर्थर कॉटन बांध में पानी का स्तर 14.84 लाख क्यूसेक पार कर जाने के बाद एक और चेतावनी जारी की गई है। पूर्वी गोदावरी जिला प्रशासन ने 1796 लोगों को सात राहत शिविरों में भेजा है। पश्चिम गोदावरी जिले में नौ राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 1544 लोगों को रखा गया है। 

जिलाधिकारी के मुताबिक, पश्चिम गोदावरी में 64 गांव जलमग्न हैं और इससे 27,073 लोग प्रभावित हुए हैं। मुतयलराजू ने कहा, ‘‘प्रभावित लोगों को आवश्यक सामग्री के अलावा भोजन और पीने के पानी की आपूर्ति की जा रही है।’’ किसी के हताहत होने या मकानों के क्षतिग्रस्त होने की कोई सूचना नहीं है जबकि फसलों की क्षति का आकलन किया जा रहा है। 

प्रारंभिक आकलन के मुताबिक, पूर्वी गोदावरी में 282 हेक्टेयर में लगी फसल का बाढ़ के कारण नुकसान हुआ है। देवीपटनम सबसे बुरी तरह प्रभावित है क्योंकि मंडल के 36 गांव पूरी तरह डूब गए हैं। पूर्वी गोदावरी के जिलाधिकारी मुरलीधर रेड्डी ने कहा कि प्रभावित मंडलों और गांवों में राहत एवं बचाव अभियान की देखरेख के लिए 32 विशेष टीमों का गठन किया गया है। 

उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों के उपचार के लिए देवीपटनम मंडल में आठ चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं। विशाखापत्तनम से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक टीम को पूर्वी गोदावरी में येतापका के लिए रवाना किया जा रहा है। पश्चिम गोदावरी के पोलावरम, वेलेरुपदु और कुक्कूनूर मंडलों में 38 से अधिक गांव बाढ़ के कारण कटे हुए हैं। 

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