सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट पर 71 लोगों के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज: त्रिपुरा पुलिस

By भाषा | Published: November 3, 2021 04:10 PM2021-11-03T16:10:04+5:302021-11-03T16:10:04+5:30

Five criminal cases registered against 71 people for provocative posts on social media: Tripura Police | सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट पर 71 लोगों के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज: त्रिपुरा पुलिस

सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट पर 71 लोगों के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज: त्रिपुरा पुलिस

अगरतला, तीन नवंबर त्रिपुरा पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसने राज्य में शांति और सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर कथित भड़काऊ और फर्जी जानकारी वाले पोस्ट को लेकर 71 लोगों के खिलाफ पांच मामले दर्ज किए हैं।

पुलिस ने कहा, ‘‘सांप्रदायिक हिंसा की अफवाह और समाज में नफरत पैदा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’

राज्य पुलिस ने ट्विटर पर कहा, ‘‘ सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वाले 71 लोगों के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। समाज में नफरत फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि त्रिपुरा में हालिया सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया मंचों पर कथित तौर पर अफवाह फैलाने के संबंध में पांच मामले दर्ज किए गए हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘ प्राथमिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि सरकार और राज्य पुलिस की छवि खराब करने के लिए सोशल मीडिया पर फर्जी तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए गए।’’

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ‘भड़काऊ पोस्ट लाइक या रीट्वीट न करें क्योंकि यह अफवाह फैलाने के दायरे में आता है।’’

पुलिस ने कहा कि ट्विटर पर गोमती जिले के काकराबन इलाके में एक मस्जिद को क्षतिग्रस्त करने और तोड़फोड़ करने की झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। पुलिस ने कहा, ‘‘ यह पूरी तरह से तथ्यों की गलत व्याख्या है। काकराबन के दरगाबाजार इलाके में स्थित मस्जिद पूरी तरह से सुरक्षित है और गोमती पुलिस शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए काम कर रही है।’’

एक ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस के साइबर अपराध विभाग ने कहा, ‘‘ ये फर्जी वीडियो हैं, जिन्हें आपराधिक साजिश के तहत राज्य में शांति और सद्भाव बिगाड़ने तथा राज्य सरकार और पुलिस को बदनाम करने के उद्देश्य से फैलाया जा रहा है। पुलिस ने आपराधिक मामले दर्ज किए हैं और उपयुक्त कार्रवाई की जा रही है।’’

राज्य सरकार ने 29 अक्टूबर को आरोप लगाया था कि निहित स्वार्थ के साथ बाहर के एक समूह ने सोशल मीडिया पर जलती हुई एक मस्जिद की तस्वीरें लगाकर त्रिपुरा में अशांति फैलाने और इसकी छवि खराब करने के लिए प्रशासन के खिलाफ साजिश रची थी।

सूचना एवं संस्कृति मंत्री सुशांत चौधरी ने कहा कि राज्य पुलिस की जांच से पता चला है, ‘‘उत्तरी त्रिपुरा जिले के पानीसागर उपसंभाग में कोई मस्जिद नहीं जलाई गई।’’

पड़ोसी देश बांग्लादेश में हाल की सांप्रदायिक घटनाओं के खिलाफ 26 अक्टूबर को विश्व हिंदू परिषद ने रैली निकाली थी और इस दौरान चामटिला क्षेत्र में एक मस्जिद में कथित तौर पर तोड़फोड़ की गई और दो दुकानों में आग लगा दी गई।

उत्तरी त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक भानुपद चक्रवर्ती ने कहा था कि निकट के रोवा बाजार में तीन घरों और कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की गई, जो कथित तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के हैं।

चौधरी ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि पानीसागर में किसी भी मस्जिद को जलाने की कोई घटना नहीं हुई। राज्य में सभी वर्गों के लोगों के विकास की प्रक्रिया को बाधित करने के लिए बाहर के एक समूह ने 26 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें अपलोड की। उन्होंने कहा कि यह सरकार की छवि खराब करने की साजिश है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

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Web Title: Five criminal cases registered against 71 people for provocative posts on social media: Tripura Police

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