सेना के जवान की निर्मम हत्या पर कांग्रेस का मोदी पर निशाना- कहां गया 56 इंच का सीना और कहां गई लाल आंख?
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: September 20, 2018 12:12 PM2018-09-20T12:12:11+5:302018-09-20T13:06:05+5:30
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने निशाना साधते हुए कहा है कि पहले हेमराज, अब नरेंद्र सिंह, पाकिस्तान ने उनकी निर्दयतापूर्वक हत्या की। सरकार क्या कर रही है?
नई दिल्ली, 20 सितंबर: पाकिस्तानी सैनिकों ने बुधवार को जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सरहद पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को कई गोली मारने के बाद उसका गला रेत दिया। भारतीय बलों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर यह अपनी तरह का पहला बर्बर कृत्य है। ऐसे में कांग्रेस ने इस पर बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा है।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने निशाना साधते हुए कहा है कि पहले हेमराज, अब नरेंद्र सिंह, पाकिस्तान ने उनकी निर्दयतापूर्वक हत्या की। सरकार क्या कर रही है? कहां गया 56'' का सीना और कहां गई लाल आंख? कहां गया एक के बदले दस सिर लाने का वादा।
First Hemraj, now Narendra Singh. Pakistan murdered him barbarically. What is govt doing? Modi ji doesn't your soul call you out?: R Surjewala on BSF Head Constable Narendra Singh who went missing after exchange of fire with Pak in Jammu's Ramgarh on Sept 18&was later found dead pic.twitter.com/lNQ6T2wHyd
— ANI (@ANI) September 20, 2018
इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि मोदी जी सेना का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रहे हैं, लेकिन उसकी सुरक्षा के बारे में नहीं सोचते हैं।
Kahan gaya 56'' ka seena aur kahan gayi laal aankh?Kahan gaya 1 ke badle 10 sar laane ka vaada?Govt is worried about the corrupt but not jawans. Modi ji uses Army for his political gains but doesn't think of their security.Nation demands answers you'll have to answer: R Surjewala pic.twitter.com/k54Tf89vId
— ANI (@ANI) September 20, 2018
अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद सुरक्षा बलों ने 192 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा तथा 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा पर ‘‘हाई अलर्ट’’ जारी कर दिया, जिसकी रखवाली सेना करती है। यह बर्बर घटना मंगलवार को रामगढ़ जिले में हुई जो नियंत्रण रेखा पर भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ इस तरह के हमलों की याद ताजा करता है।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लापता जवान की पहचान नरेंद्र सिंह के तौर पर हुई है। बीएसएफ ने पहले उनका नाम नरेंद्र कुमार बताया था। अधिकारियों ने बताया, ‘‘ जवान के शरीर में तीन गोलियां लगने के निशान हैं और उनका गला रेता गया है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सुरक्षा बल के साथ हुई यह अप्रत्याशित घटना है और पाकिस्तानी सैनिक इसके पीछे हैं। बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बल सही समय पर जवाबी कार्रवाई करेंगे।'
यह घटना जम्मू में सोमवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बीएफएस के ‘स्मार्ट बाड़’ परियोजना का उद्घाटन करने के एक दिन बाद हुई है। इस परियोजना का लक्ष्य भारत-पाकिस्तान सीमा के संवेदनशील क्षेत्रों को स्मार्ट तकनीक की सहायता से सुरक्षित करना है।
एक बयान में बीएसएफ ने कहा कि रामगढ़ सेक्टर में पाकिस्तानी पक्ष ने बीएसएफ दल पर बिना उकसावे के गोलीबारी की जिसके बाद यह घटना हुई, जिसे‘‘सरकंडे’’ की लंबी लंबी घास काटने के लिए बाड़ के आगे जाना पड़ा था।
बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दूर तक देखने के लिए जंगली वनस्पति को काटने के लिए ऐसी रणनीति गश्त नियमित तौर पर होती हैं। यह इलाका इसलिए अहमियत रखता है क्योंकि पाकिस्तान की तरफ अंतरराष्ट्रीय सरहद के नजदीक सुरक्षात्मक बंध हैं।
पाकिस्तानी गोलीबारी का जवाब गश्ती दल ने दिया जिन्होंने खुद को बाड़ से निकाला, लेकिन बाद में गश्ती दल ने पाया कि उनका एक सदस्य लापता है।
बयान में कहा गया, कंपनी मुख्यालय से अतिरिक्त बल पहुंचने के बाद पहले पूरे इलाके को साफ किया गया और लापता जवान की तलाश की शुरू की गई। बाड़ और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच का इलाका दलदल से भरा है और वहां पर बड़े बड़े सरकंडे हैं जिससे खोज अभियान में दिक्कतें आईं। कुछ प्रयास के बाद लापता जवान का शव बरामद हुआ जिनके शरीर पर गला रेते जाने समेत कई गोलियां लगने के निशान थे।
अधिकारियों ने बताया कि अप्रत्याशित घटना के प्रकाश में आने से करीब नौ घंटे पहले जवान का पता लगाने के लिए भारतीय पक्ष ने सीमा पार अपने समकक्ष पाकिस्तानी रेंजर्स से फोन कॉल और संवाद का आदान प्रदान किया। उन्होंने बताया कि बीएसएफ ने पाकिस्तान रेंजर्स के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। बीएसएफ ने सीमा की शुचिता बनाए रखने और खोज दल पर गोलीबारी नहीं हो यह सुनिश्चित करने के लिए पाकिस्तानी पक्ष से कई बार संपर्क करने की कोशिश की है।
अधिकारियों ने बताया पाकिस्तानी रेंजर्स से लापता जवान का पता लगाने के लिए संयुक्त गश्त में शामिल होने को कहा गया था। लेकिन पाक रेंजर्स ने एक स्थान तक आने के बाद समन्वित कार्रवाई में शामिल न हो पाने के लिए इलाके में पानी जमा होने का बहाना बना दिया। तब बीएसएफ ने सूर्यास्त का इंतजार किया और जवान का शव चौकी तक लाने के लिए ‘‘जोखिम भरा अभियान’’ शुरू किया। शव ‘देर शाम’ तक लाया जा सका। सुरक्षा प्रतिष्ठान के अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने बर्बर घटना को ’बहुत गंभीरता’ से लिया है। विदेश मंत्रालय एवं सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) यह मुद्दा पाकिस्तानी समकक्षों के समक्ष उठा सकते हैं।
पहले, नियंत्रण रेखा से सेना के जवानों के साथ बर्बरता की घटनाएं सामने आई हैं जो खासतौर पर, कश्मीर के माछिल सेक्टर और जम्मू के नौशेरा और कृष्ण घाटी सेक्टरों से रिपोर्ट हुई हैं। पिछले साल मई में,कृष्ण घाटी सेक्टर में पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम ने बीएसएफ के दो जवानों के शवों को विकृत किया था।
(इनपुट भाषा)