भारत में दो साल पहले मिली कोरोना की पहली मरीज फिर लौटना चाहती है वुहान, जानिए क्या है वजह
By विनीत कुमार | Published: January 30, 2022 03:03 PM2022-01-30T15:03:34+5:302022-01-30T15:03:34+5:30
भारत में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी, 2020 को सामने आया था। चीन के वुहान से लौटी एक छात्रा तब संक्रमित पाई गई थी। यह छात्रा एक बार फिर चीन लौटना चाहती है।
नई दिल्ली|: भारत में कोरोना का मामला 30 जनवरी, 2020 को केरल के त्रिशुर में सामने आया था। चीन के वुहान में मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही एक छात्रा भारत लौटने पर संक्रमित पाई गई थी। भारत में कोरोना का ये पहला केस था और तब से लेकर आज दो साल बीत चुके हैं। भारत में बतौर पहली कोरोना मरीज पहचानी गई ये छात्रा एक बार फिर वुहान लौटना चाहती है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार छात्रा के पिता ने कहा, 'हमें लगता है कि अब कोरोना को मैनेज किया जा सकता है। सबसे अनिश्चित फिलहाल मेरी बेटी का करियर है।'
भारत पहुंचने के एक हफ्ते बाद मिले कोरोना के लक्षण
भारत में जब कोरोना का पहला मामला मिला, तब चीन में ये बड़ी मुश्किल का सबब पहले ही बन चुका था। चीन ने वुहान शहर सहित अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को तब बंद कर दिया था। हालांकि, केरल की ये छात्रा भाग्यशाली रही और चीन के प्रतिबंधों के बीच भी भारत पहुंचने में सफल रही। भारत पहुंचने के एक हफ्ते बाद उसमें कोरोना संक्रमण की पहचान हुई।
छात्रा के पिता के अनुसार अब वो उन गुजरे समय को याद नहीं करना चाहती और पिछले दो साल से घर पर रहकर ही पढ़ाई कर रही है। छात्रा ने दिसंबर में ही ऑनलाइन तरीके से एमबीबीएस कोर्स भी पूरा किया और परीक्षा भी पास कर ली। हालांकि अब उसके लिए चीन जाना जरूरी है। दरअसल चीन में नियमों के अनुसार एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के लिए वहां अस्पताल में 52 हफ्ते का इंटर्नशीप जरूरी है।
'सरकार करे चीन से बात, कई स्टूडेंट के भविष्य का सवाल'
छात्रा के पिता ने कहा कि उसका चीन जाना बहुत जरूरी है। बकौल पिता, 'उसका चीन जाना जरूरी है। हम केंद्र सरकार से गुजारिश करते हैं कि वे इस विषय को चीन के सामने उठाए। चीन में पढ़ रहे सैकड़ों मेडिकल स्टूडेंट के लिए ये जरूरी है। महामारी ने सभी को प्रभावित किया है, मेरी बेटी भी अछूती नहीं है। मेरी बेटी दो बार संक्रमित हुई। हम एक बार संक्रमित हुए। मेरी पत्नी और मां को जुलाई-2020 निमोनिया भी हो गया था।'