Breaking News: जुलाई के अंत तक भारत पहुंचेंगे पांच राफेल विमान, 29 जुलाई को अंबाला एयरबेस पर होंगे तैनात
By स्वाति सिंह | Updated: July 20, 2020 21:23 IST2020-07-20T20:53:49+5:302020-07-20T21:23:30+5:30
भारत को पांच राफेल युद्धक विमानों की पहली खेप जुलाई अंत तक मिलने की संभावना है। इन विमानों से भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

राफेल को जुलाई 29 को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया जाएगा
नई दिल्ली: भारत में जल्द ही राफेल कि पहली खेप आने वाली है। इस बात कि जानकारी भारतीय वायुसेना के आधिकारियों ने दी। इन विमानों से भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।उन्होंने बताया की पांच राफेल फाइटर जेट कि पहली खेप जुलाई अंत तक भारत पहुंचने की संभावना है। राफेल को 29 जुलाई को अंबाला एयरबेस पर तैनात किया जाएगा ओर अगस्त 20 को विधिवत भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
विमानों का पहला स्क्वाड्रन वायुसेना के अंबाला स्टेशन पर तैनात किया जाएगा जिसे भारतीय वायुसेना के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण ठिकानों में से एक माना जाता है। भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ लगभग 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह विमान कई शक्तिशाली हथियारों को ले जाने में सक्षम है। इसमें यूरोपीय मिसाइल निर्माता एमबीडीए का मेटॉर मिसाइल शामिल है। राफेल विमानों का दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हासिमारा बेस पर तैनात किया जाएगा।
First batch of five Indian Air Force (IAF) Rafale is likely to arrive in India by end July 2020. The aircraft will be inducted at Air Force Station Ambala on 29 July subject to weather. Final induction ceremony will take place in second half of August 20: Indian Air Force pic.twitter.com/rpKoxi3HtO
— ANI (@ANI) July 20, 2020
वायुसेना ने इस संबंध में दोनों अड्डों पर बुनियादी ढांचों के विकास के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इन 36 राफेल विमानों में 30 युद्धक विमान होंगे जबकि छह प्रशिक्षण विमान होंगे। उल्लेखनीय है कि विमान की कीमतों और कथित भ्रष्टाचार आदि को लेकर कांग्रेस ने इस समझौते पर सवाल उठाए थे, लेकिन सरकार ने उन आरोपों को खारिज कर दिया था।
आइए जानते हैं कि भारतीय राफेल जेट की खूबियां
-राफेल एक ऐसा लड़ाकू विमान है, जिसे हर तरह के मिशन पर भेजा जा सकता है। भारतीय वायुसेना की इस पर काफी वक्त से नजर थी।
-यह एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसकी फ्यूल कपैसिटी 17 हजार किलोग्राम है।
-चूंकि राफेल जेट हर तरह के मौसम में एक साथ कई काम करने में सक्षम है, इसलिए इसे मल्टिरोल फाइटर एयरक्राफ्ट के नाम से भी जाना जाता है।
-इसमें स्काल्प मिसाइल है जो हवा से जमीन पर वार करने में सक्षम है।
-राफेल की मारक क्षमता 3700 किलोमीटर तक है, जबकि स्काल्प की रेंज 300 किलोमीटर है।
विमान में फ्यूल क्षमता- 17,000 किलोग्राम है।
-यह ऐंटी शिप अटैक से लेकर परमाणु अटैक, क्लोज एयर सपॉर्ट और लेजर डायरेक्ट लॉन्ग रेंज मिसाइल अटैक में भी अव्वल है।
-यह 24,500 किलो तक का वजन ले जाने में सक्षम है और 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भी भर सकता है।
- इसकी स्पीड 2,223 किलोमीटर प्रति घंटा है।
भारत को मिलने वाले राफेट जेट में होंगे ये 6 बदलाव:
इजरायली हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले
राडार वॉर्निंग रिसीवर्स
लो बैंड जैमर्स
10 घंटे का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डिंग सिस्टम
इन्फ्रा-रेड सर्च
ट्रैकिंग सिस्टम
