Nirmala Sitharaman addresses media: नरेंद्र मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार (30 अगस्त) को भारत में आर्थिक मंदी की आशंकाओं के बीच प्रेस वार्ता में कई बड़े एलान किए। इनमें बैंकों का विलयीकरण एक है।
वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय किया गया है, वहीं केनरा और सिंडीकेट बैंक का आपस में विलय हुआ है। उन्होंने बताया कि इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का भी आपस में विलय हुआ है। इसके अलावा यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय हुआ है।
वित्तमंत्री के मुताबिक, देश में अब तक 18 सरकारी बैंक थीं, उनके विलय के कारण संख्या अब 12 हो गई।
वित्तमंत्री ने कहा कि बैंकों का एनपीए घटा हैं और उनका मुनाफा बढ़ा है।
सीतारमण ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर में कई बड़े सुधारवादी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 250 करोड़ से ज्यादा लोन पर सरकार की नजर रख रही है।
उन्होंने कहा कि 3.38 शैल कंपनियों पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि लोन की मंजूरी और निगरानी को अलग-अलग किया गया है।
उन्होंने कहा कि बैंक और एनबीएफसी के चार टाइअप हुए हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि 18 में से 14 बैंक मुनाफे की स्थिति में हैं।
यहां देखें वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कांफ्रेंस-
हालांकि, उन्होंने गहराती आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए सरकार की तरफ से किसी तरह के प्रोत्साहन पैकेज की योजना के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को फिर से गति देने की कार्य योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''सोमवार से अब तक मैं बैंकों और वित्तीय संस्थानों, छोटे एवं मझोले उद्योगों, उद्योग और वाहन क्षेत्र सहित पांच अलग अलग क्षेत्र के प्रतिनिधियों से मिल चुकी हूं और उनकी समस्याओं को सुना है।
हम इस बात का विश्लेषण कर रहे हैं कि क्या कदम उठाये जाने चाहिए।'' मंत्री ने कहा, ''कल (बृहस्पतिवार को) हमने अर्थव्यवस्था को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की।'' प्रोत्साहन पैकेज के बारे में पूछे जाने पर सीतारमण ने कहा, ''मैंने किसी प्रोत्साहन पैकेज की बात नहीं की है और मीडिया के एक वर्ग में जो बताया जा रहा है, वो मैंने नहीं कहा है।'' उन्होंने कहा, ''क्या कदम उठाये जाने चाहिए, इसको लेकर चर्चा चल रही है और चर्चा पूरी होने पर हम उसकी घोषणा करेंगे।''
उद्योग जगत लंबे समय से विभिन्न क्षेत्रों में जीएसटी दर में कटौती के रूप में एक तरह का प्रोत्साहन पैकेज दिये जाने की मांग कर रहा है। उल्लेखनीय है कि वाहनों की बिक्री जुलाई में 31 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19 साल के निचले स्तर पर आ गयी। केवल वाहन उद्योग ही नहीं बल्कि दूसरे उपभोक्ता उत्पादों के क्षेत्र में सुस्ती देखी जा रही है।
उद्योग बजट में उठाये गए कुछ कदमों को भी वापस लेने की मांग कर रहा है। इसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर लगाया गया अति धनाढ्य पर लगने वाला ऊंचा अधिभार भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि आम बजट पारित होने के बाद से शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई। बजट से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की धारणा को झटका लगा है।