चेन्नईः भारत ने अर्जेन्टीना को 4-2 से हराकर जूनियर हॉकी विश्व कप में नौ साल बाद कांस्य पदक जीत लिया है। जर्मनी के हाथों करारी हार के साथ खिताब का सपना टूटने के बाद भारतीय टीम जूनियर हॉकी विश्व कप के कांस्य पदक के मुकाबले के लिए बुधवार को अर्जेंटीना के खिलाफ उतरी और नौ साल बाद पदक पर जीता। पिछले दो विश्व कप में चौथे स्थान पर रही भारतीय टीम गलतियों को दोहराने से बची। सेमीफाइनल में सात बार की चैम्पियन जर्मनी के खिलाफ की और 1-5 से पराजय झेलनी पड़ी थी। भुवनेश्वर में 2021 में और कुआलालम्पुर में 2023 में हुए जूनियर विश्व कप में भारत क्रमश: फ्रांस और स्पेन से 3-1 से हारकर चौथे स्थान पर रहा था। होबर्ट में 2001 के बाद भारत ने दूसरा और आखिरी खिताब 2016 में लखनऊ में जीता था।
शूटआउट में स्पेन को हराकर जर्मनी ने आठवीं बार जीता जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप
जर्मनी ने बेहद रोमांचक फाइनल मुकाबले में बुधवार को स्पेन को शूटआउट में 3-2 से हराकर आठवीं बार जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप जीत लिया। सेमीफाइनल में भारत को हराने वाली जर्मनी के लिये बेनेडिक्ट गेयेर, एलेक वोन श्वेरिन और बेन हासबाश ने गोल किये जबकि स्पेन के लिये पाब्लो रोमन और जुआन प्राडो ही गोल कर सके।
इससे पहले निर्धारित समय में जर्मनी के लिये 26वें मिनट में जस्टस वारवेग ने गोल किया जबकि स्पेन के लिये 54वें मिनट में जी कोरोमिनास ने बराबरी का गोल दागा। जर्मन टीम सात बार (1982, 1985, 1989, 1993, 2009, 2013, 2023) खिताब जीत चुकी है । वहीं स्पेन ने 2005 में रोटरडम और 2023 में भुवनेश्वर और राउरकेला में हुए टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता था।
इससे पहले पांचवें और छठे स्थान के मुकाबले में बेल्जियम ने नीदरलैंड को शूटआउट में 4-3 से हराया। निर्धारित समय तक स्कोर 3-3 से बराबर रहने के बाद शूटआउट में बेल्जियम के लिये कप्तान लुकास बाल्थाजार, गुएरलेन हावाक्स, मैक्सिमिलन लैंगर और निकोलस बोगाएर्त्ज ने गोल किये जबकि नीदरलैंड के लिये जेल प्लांटेंगा, जान वान टीलैंउ और थिस बाकेर ही गोल कर सके। वहीं सातवें और आठवें स्थान के मुकाबले में फ्रांस ले न्यूजीलैंड को 4-1 से मात दी।
टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुके भारतीय टीम के मुख्य कोच पी आर श्रीजेश ने कमाल कर दिया। दो बार की चैम्पियन अर्जेंटीना ने 2021 में फाइनल में जर्मनी को 4-2 से हराकर खिताब जीता था। राउंड रॉबिन चरण में शानदार फॉर्म में रही भारतीय टीम ने 29 गोल किए थे और एक भी गोल गंवाया नहीं था।
आखिरी 11 मिनट में चार गोल करके भारत ने 2021 की चैम्पियन अर्जेंटीना को बुधवार को कांस्य पदक के प्लेआफ मुकाबले में 4-2 से हराकर नौ साल बाद जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में पदक जीत लिया। दो बार (होबार्ट 2001 और लखनऊ 2016) में चैम्पियन रही भारतीय टीम ने आखिरी बार नौ साल पहले कोई पदक जीता था। पिछले दो बार टीम कांस्य पदक का मुकाबला हारकर चौथे स्थान पर रही थी।
भारत के लिये अंकित पाल (49वां), मनमीत सिंह (52वां), शारदानंद तिवारी (57वां) और अनमोल इक्का (58वां) ने गोल दागे। वहीं अजेंटीना के लिये निकोलस रौद्रिगेज (पांचवां) और सैंटियागो फर्नांडिस (44 वां) ने गोल किये। तीन क्वार्टर तक दो गोल से पिछड़ने के बाद भारत ने शानदार वापसी करते हुए आखिरी क्वार्टर में दनादन चार गोल करके खचाखच भरे मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम में मानो जान फूंक दी।
पहले 49वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को अंकित ने गोल में बदलकर भारत का खाता खोला । वहीं 52वें मिनट में भारत को फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर अनमोल इक्का के शॉट पर गेंद डिफ्लैक्ट होकर मनमीत की स्टिक से टकराकर गोल के भीतर गई। स्कोर 2-2 से बराबर होने के बाद लग रहा था कि मैच शूटआउट में जायेगा लेकिन आखिरी सीटी बजने से तीन मिनट बाकी रहते भारत को अहम पेनल्टी स्ट्रोक मिला जिसे शारदानंद तिवारी ने गोल में बदलकर पहली बार भारत को बढ़त दिलाई।
अर्जेंटीना को अगले मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन इस टूर्नामेंट की खोज रहे गोलकीपर प्रिंसदीप सिंह ने एक बार फिर शानदार बचाव किया। भारत को 58वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को अनमोल इक्का ने गोल में बदला । पहले तीन मिनट में ही गोल गंवाने से स्तब्ध भारतीय टीम पहले पूरे क्वार्टर में दबाव में नजर आई।
टूर्नामेंट के राउंड रॉबिन चरण में 29 गोल करने वाली मेजबान टीम कठिन प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ गोल करने के लिये जूझती दिखी। पिछले मैच में जर्मनी ने उसकी फॉरवर्ड पंक्ति को बांधे रखा तो वहीं इस मुकाबले में पहले हाफ में अर्जेंटीना के गोल में ज्यादा घुस नहीं पाये और एक भी पेनल्टी कॉर्नर हासिल करने में नाकाम रहे।
मैच शुरू होते ही अनमोल इक्का की गलती पर अर्जेंटीना को पेनल्टी स्ट्रोक मिल गया जिसे निकोलस रौद्रिगेज ने गोल में बदलकर मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम पर भारी तादाद में जमा दर्शकों को निराशा हाथ लगी । पहले क्वार्टर के आखिरी मिनट में भारत को बराबरी का मौका मिला जब आमिर अली से गेंद लेकर सौरभ आनंद कुशवाहा आगे बढ़े।
अंकित पाल को गेंद सौंपी लेकिन अजित यादव इस मूव को अंजाम तक पहुंचाने में नाकाम रहे । दूसरे क्वार्टर में भी यही कहानी दोहराई गई। पहले ही मिनट में अर्शदीप ने हवाई पास दिया लेकिन आमिर ने उसे रोककर गेंद के स्थिर होने से पहले ही स्टिक घुमाकर मौका गंवा दिया । भारतीय टीम के पास फिर 22वें मिनट में बराबरी का गोल दागने का मौका था।
लेकिन सर्कल के भीतर पहले दिलराज सिंह और फिर अर्शदीप का कमजोर शॉट जर्मन गोलकीपर ने आसानी से बचा लिया। इसके तीन मिनट बाद अजित भी सटीक निशाना लगाने में नाकाम रहे। पहले हाफ में अर्जेंटीना ने एक गोल से बढ़त बना ली थी। भारत को मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में मिला।
पेनल्टी कॉर्नर पर भारत की कमजोरी उजागर हुई जब लगातार चार मौकों में से एक भी तब्दील नहीं हो सका। चौथे पेनल्टी कॉर्नर पर अनमोल का सीधा शॉट गोलपोस्ट से टकराकर बाहर निकल गया । अर्जेंटीना को इस बीच जवाबी हमलों में 40वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन टूर्नामेंट में अब तक शानदार प्रदर्शन करने वाले गोलकीपर प्रिंसदीप ने एक बार फिर शानदार बचाव किया।
लेकिन भारतीय डिफेंस को एक बार फिर छितर बितर करके अर्जेंटीना ने दूसरा गोल करके खलबली मचा दी। तीसरा क्वार्टर खत्म होने से एक मिनट पहले सैंटियागो फर्नांडिस ने भारतीय डिफेंस को पूरी तरह चकमा देकर गोल के बायें ओर से सटीक शॉट लगाकर गेंद को भीतर घुसा दिया।