नई दिल्ली, 29 जुलाई: राफेल की डील को लेकर लगातर विपक्ष और सरकार के बीच में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति चल रही है। इसी बीच सरकार अगले महीने एक प्रमुख नीति सार्वजनिक करने करने की तैयारी में है। खबरों की मानें तो रक्षा मंत्रालय के एक अफसर ने बताया कि नीति का खाका तैयार होने पर इसे कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। उम्मीद है कि अगले महीने तक यह खाका तैयार हो जाए।
इस नीति के तहत लड़ाकू विमान और बड़े रक्षा उपकरण तैयार करने वालों की सूची में भारत दुनियां के पांच सर्वश्रेष्ठ देशों में शामिल हो जाएगा। इसके साथ ही इस पॉलिसी के जरिए केंद्र सरकार साल 2025 तक सैन्य उपकरणों और सेवाओं के टर्नओवर को 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ाना चाहती है।
खबरों कि मानें तो इस पॉलिसी को बस अंतिम और फाइनल रूप दिया जा रहा है। यह जब पूरी तरह से तैयार हो जाएगा तब अगले महीने तक इस नीति हो केंद्रीय कैबिनेट में पेश किया जाएगा। समाचार एजेंसी के मुताबिक रक्षा उत्पादन नीति (डीपीपी-2018) का प्रमुख लड़ाकू विमानों और लड़ाकू हेलीकॉप्टरों और स्वदेशी हथियारों सहित अत्याधुनिक सैन्य प्लैटफॉर्मों के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने की खातिर पर्याप्त संसाधनों में निवेश पर होगा।
गौरतलब है कि स्वीडन के थिंक टैंक ने एक रिपोर्ट में भारत को मिलिट्री हार्डवेयर का सबसे बड़ा आयातक बताया है। इस रिपोर्ट के मुतबिक भारत ने पिछले पांच साल में 111 फीसदी से ज्यादा हथियारों का आयात किया है।
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