नयी दिल्ली, 23 जून दिल्ली की एक अदालत ने कथित उर्वरक घोटाले से जुड़े एक धनशोधन मामले में गिरफ्तार राजद के राज्यसभा सदस्य अमरेंद्र धारी सिंह की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
विशेष न्यायाधीश विकास ढल ने सिंह को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं क्योंकि वह करीब 685 करोड़ रुपये के धनशोधन में शामिल थे।
अदालत ने कहा, “... आरोपी राज्यसभा सदस्य हैं और उर्वरक संबंधित स्थायी संसदीय समिति के सदस्य भी हैं। मौजूदा मामला उर्वरकों के आयात में अपराध करते समय हुयी आमदनी से संबंधित है। इसलिए, इस बात के आसार हैं कि एक प्रभावशाली व्यक्ति होने के कारण आरोपी कुछ गवाहों को प्रभावित कर सकता है, जो उर्वरकों के आयात में शामिल विभिन्न कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं।"
अदालत ने यह भी कहा कि विभिन्न गवाहों के बयान अभी दर्ज नहीं हुए हैं, जिन्हें कथित तौर पर आरोपी की ओर से नकद भुगतान किया गया था और अगर आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है, तो उसके द्वारा गवाहों को प्रभावित किये जाने की संभावना है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने अदालत को बताया कि मामले की जांच अभी शुरुआती चरण में है।
अदालत ने कहा, "इसके अलावा, जांच अभी अपराध से हुयी आय की पहचान तथा शेष अवैध धन के लेनदेन के संबंध में साक्ष्य एकत्र करने के चरण में है।’’
सांसद और कारोबारी को धनशोधन रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। यह मामला इफको और इंडिया पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) से जुड़े कथित उर्वरक घोटाला से संबंधित है। सीबीआई ने इस संबंध में पिछले महीने भ्रष्टाचार का एक मामला दर्ज किया था।
कहा जाता है कि सिंह मामले में शामिल एक कंपनी ज्योति ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष थे।
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