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धार्मिक बनावट में आया मामूली बदलाव, मुस्लिमों में सबसे अधिक तो जैनों में सबसे कम है प्रजनन दर: प्यू रिसर्च

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 22, 2021 10:34 AM

एक निष्पक्ष अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के ताजा अध्ययन में दावा किया गया है कि सबसे अधिक प्रजनन दर वाला धार्मिक समूह मुस्लिम है जबकि उसके बाद हिंदू आते हैं. वहीं जैन धर्म के लोगों की प्रजनन दर सबसे कम है.

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ठळक मुद्देप्यू रिसर्च सेंटर ने नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे और जनगणना के आंकड़ों का विस्तृत अध्ययन किया है.भारतीय मुसलमानों के कुल प्रजनन दर में नाटकीय रूप से गिरावट आई है.2011 की जनगणना के अनुसार, 1.2 अरब आबादी वाले देश में 94 प्रतिशत लोग हिंदू और मुस्लिम धर्म के हैं.

वाशिंगटन: एक अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के ताजा अध्ययन में दावा किया गया है कि भारत के सभी धर्मों में जन्मदर लगातार घटी है जिस कारण देश की मूल धार्मिक बनावट में मामूली बदलाव हुए हैं.

प्यू रिसर्च सेंटर ने नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) और जनगणना के आंकड़ों का विस्तृत अध्ययन किया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार,  सबसे अधिक प्रजनन दर वाला धार्मिक समूह मुस्लिम है जबकि उसके बाद हिंदू आते हैं. वहीं जैन धर्म के लोगों की प्रजनन दर सबसे कम है.

भारत में धार्मिक मिश्रण पर पेश अपनी हालिया रिपोर्ट में थिंक टैंक ने कहा कि भारतीय मुसलमानों के कुल प्रजनन दर में नाटकीय रूप से गिरावट आई है जो 1992 में प्रति महिला 4.4 बच्चे से 2015 में 2.6 बच्चे हो गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में हर धार्मिक समूह ने अपनी प्रजनन क्षमता में गिरावट देखी है, जिसमें बहुसंख्यक हिंदू आबादी और मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन अल्पसंख्यक समूह शामिल हैं.

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत के प्रमुख धार्मिक समूहों में मुसलमानों की प्रजनन दर अभी भी सबसे अधिक है, इसके बाद हिंदुओं की प्रजनन दर 2.1 है. जैनियों की प्रजनन दर सबसे कम (1.2) है.

हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य पैटर्न काफी हद तक वैसा ही है जैसा 1992 में था. तब मुसलमानों की प्रजनन दर 4.4 और उसके बाद हिंदुओं की 3.3 थी. लेकिन भारत के धार्मिक समूहों के बीच बच्चे पैदा करने में अंतराल आम तौर पर पहले की तुलना में बहुत छोटा होता है.

इसके बाद हिंदुओं का नंबर आता है जो प्रति महिला 2.1 बच्चों को जन्म दे रही थी. जैन धर्म की जन्मदर सबसे कम 1.2 रही.

साल 2011 की जनगणना के अनुसार, 1.2 अरब आबादी वाले देश में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों के 94 प्रतिशत लोग हैं. बाकी छह फीसदी आबादी में ईसाई, सिख, बौद्ध और जैन आते हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2011 की जनगणना के अनुसार हिंदूओं की आबादी 79.8 फीसदी थी जो कि 2001 की तुलना में 0.7 फीसदी और 1951 में दर्ज की गई 84.1 फीसदी की तुलना में 4.3 फीसदी कम है.

इस बीच, मुसलमानों की हिस्सेदारी 2001 में 13.4 प्रतिशत से बढ़कर 2011 में 14.2 प्रतिशत हो गई और इसमें 1951 (9.8 फीसदी) से कुल 4.4 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई है.

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