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पाकिस्तान-चीन को झटका, कोयला खनन के लिए भारत की सीमा से लगने वाले देशों की कंपनियों को सरकार से लेनी होगी मंजूरी

By भाषा | Updated: August 4, 2020 01:14 IST

हाल ही में भारत ने चीन सहित सीमा से लगने वाले कई देशों से आने वाले प्रत्यक्ष निवेश की मॉनिटरिंग बढ़ाई थी। अब कोयला मंत्रालय ने कहा है कि सीमावर्ती देशों की किसी कंपनी को भारत में कोयला खनन करने से पहले सरकार से इजाजत लेनी होगी।

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ठळक मुद्देकोयला खनन कारोबार में स्वत: स्वीकृत मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गयी हैकोयला मंत्रालय ने स्पष्टीकरण इसलिए जारी किया है, ताकि निवेशक बोली से पहले अपनी पात्रता के बारे में जान लें।

नई दिल्ली: कोयला मंत्रालयने सोमवार को स्पष्ट किया कि वाणिज्यिक कोयला खनन में भारत की सीमा से लगने वाले किसी देश की इकाई से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रस्ताव सरकार की मंजूरी के बाद ही आगे बढ़ सकता है। कोयला खनन कारोबार में स्वत:स्वीकृत मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गयी है।

कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘वाणिज्यिक कोयला खनन के लिये जारी नीलामी प्रक्रिया के संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि वाणिज्यिक कोयला खनन में कोई भी एफडीआई केंद्र सरकार द्वारा जारी 2020 का प्रेस नोट 3 समेत संबंधित कानूनों पर निर्भर करेगा।’’

वर्ष 2020 के प्रेस नोट 3 के अनुसार भारत की सीमा से लगने वाले संबंधित देश की कोई भी इकाई या भारत में निवेश करने वाला लाभार्थी व्यक्ति या इकाई ऐसे देश में स्थित हो अथवा वहां का नागरिक हो, वह केवल सरकारी मार्ग से ही निवेश कर सकता है। बयान में कहा गया है कि पुन: पाकिस्तान का नागरिक या वहां की कोई इकाई, रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और विदेशी निवेश के लिये प्रतिबंधित क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में सरकारी स्वीकृति के मार्ग के तहत ही निवेश कर सकती है। इस संदर्भ में निविदा दस्तावेज में शुद्धिपत्र भी जारी किया गया है।

वर्ष 2017 की एफडीआई नीति को 2019 के प्रेस नोट 4 के जरिये संशोधित किया गया है। इसके तहत कोयला खनन कारोबार में स्वत:स्वीकृत मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गयी है। इसमें कोयले की बिक्री के लिये संबद्ध प्रसंस्करण से जुड़ी ढांचागत सुविधा शामिल हैं। हालांकि यह कोयला खदान (विशेष प्रावधान) कानून, 2015 और खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) कानून, 1957 तथा अन्य संबंधित कानून के प्रावधानों पर निर्भर करता है।

इसके अनुसार निविदा दस्तावेज में कहा गया था, ‘‘केंद्र सरकार द्वारा जारी 2019 के प्रेस नोट 4...स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई कोयला खनन गतिविधियों में मंजूरी देता है। इसमें संबद्ध प्रसंस्करण संबंधी ढांचागत सुविधा शामिल है जो कानून और अन्य लागू विधि के प्रावधानों पर निर्भर करता है।’’ बयान के अनुसार इसे अब और स्पष्ट करते हुए कहा गया है कि वाणिज्यिक कोयला खनन में एफडीआई 2020 के प्रेस नोट 3 समेत संबद्ध कानून के प्रावधानों के पर निर्भर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में कोयला खदान के वाणिज्यिक खनन के लिये नीलामी प्रक्रिया जून में शुरू की थी।

टॅग्स :कोयला की खदानइंडिया
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