207 वन कर्मियों की टीम द्वारा किया गया अब तक का सबसे तेज ऑपरेशन, नरभक्षी बाघ को पकड़ा गया
By अनुभा जैन | Published: November 29, 2023 02:04 PM2023-11-29T14:04:30+5:302023-11-29T14:05:50+5:30
24 नवंबर, 2023 को मैसूर के नंजनगुड तालुक में हेडियाला रेंज के अंतर्गत बांदीपुर टाइगर रिजर्व में स्थित बल्लुरु हुंडी गांव के पास 10 वर्षीय नर बाघ ने 51 वर्षीय महिला रत्नम्मा वेंकटैया को मार डाला था। बाघ ने दो मवेशियों को भी मार डाला था।
बेंगलुरु: 207 वन अधिकारियों की एक टीम द्वारा 3 दिनों के भीतर एक नरभक्षी बाघ को पकड़ने का सबसे तेज और सबसे मजबूत ऑपरेशन मंगलवार को पूरा किया गया। 24 नवंबर, 2023 को मैसूर के नंजनगुड तालुक में हेडियाला रेंज के अंतर्गत बांदीपुर टाइगर रिजर्व में स्थित बल्लुरु हुंडी गांव के पास 10 वर्षीय नर बाघ ने 51 वर्षीय महिला रत्नम्मा वेंकटैया को मार डाला था। बाघ ने दो मवेशियों को भी मार डाला था। पहला रविवार को कालानमुंती में और दूसरा कल्लारा कंडी में।
ऑपरेशन का नेतृत्व बांदीपुर फील्ड निदेशक और वन संरक्षक डॉ. रमेश कुमार पी. ने किया। हेडियाला सब डिवीजन एसीएफ परमेश और आरएफओ केआर नारायण ने ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऑपरेशन की निगरानी मुख्य वन संरक्षक मैसूर सर्कल डॉ. मलाथी प्रिया एम ने की। हेडियाला रेंज के आरएफओ केआर नारायण ने बताया कि पकड़े गए बाघ को मैसूर के बाहरी इलाके कूर्गल्ली में श्री चामुंडेश्वरी वन्य जीव बचाव और पुनर्वास केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है। वन दिशानिर्देशों और एनटीसीए मानदंडों के अनुसार, स्वस्थ बाघ को अब उसकी मृत्यु तक बाड़े में रखा जाएगा।
लोकमत प्रतिनिधि अनुभा जैन से बात करते हुए बांदीपुर क्षेत्र निदेशक और वन संरक्षक डॉ. रमेश कुमार पी. ने कहा, "वन्यजीव पशुचिकित्सक, बांदीपुर टाइगर रिजर्व के डॉ. मिर्जा वसीम और काली टाइगर रिजर्व के डॉ. प्रदीप ने खुद को बल्लुरु हुंडी गांव के पास एक पिंजरे में छिपा लिया था। मवेशी के शव पर, हम एक छिपी हुई जीप से इंतजार कर रहे थे, और फिर छिपे हुए पिंजरे से, हम बाघ पर झपट पड़े। बाघ के वहां आने पर पशुचिकित्सकों ने ट्रैंकुलाइजर मारकर उसे बेहोश कर दिया और मंगलवार की सुबह पिंजरे में शिफ्ट कर दिया। बाघ को ओमकारा रेंज के कल्लारा कांडी में पकड़ा गया था। चूंकि बाघ ने मानव मांस का स्वाद चखा है, इसलिए बाघ को खुला छोड़ना जोखिम भरा था इसलिये बाघ को कूर्गल्ली केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है।"
डॉ. रमेश कुमार ने कहा कि कड़ी निगरानी रखने के लिए ड्रोन, 100 कैमरा ट्रैप और 25 जीएसएम कैमरे, जहां वास्तविक समय पर ट्रैकिंग की जा सकती है, रणनीतिक रूप से लगाए गए थे बाघ के लाइव दृश्यों को कैद करने के लिए। डॉ. रमेश ने कहा, "हमने इस ऑपरेशन के लिए हेडियाला रेंज स्टाफ, एसटीपीएफ (स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स), एलटीएफ (लेपर्ड टास्क फोर्स), ईटीएफ (एलिफेंट टास्क फोर्स) और लगभग 100 स्थानीय आदिवासियों जैसे लगभग 207 अधिकारियों और फ्रंटलाइन स्टाफ को तैनात किया।"
वन अधिकारियों द्वारा दी गई चेतावनी के बावजूद, रत्नम्मा हेडियाला रेंज के 200 मीटर के दायरे में मवेशियों को पाल रही थी, जिस पर 40 वर्षों से अतिक्रमण है। शुक्रवार को उसी स्थान पर महिला की मौत हुयी। शनिवार की रात गांव के पास दो स्थानों पर बाघ कैमरा ट्रैप में कैद हो गया। कलानमुंती अवैध शिकार विरोधी शिविर में उस स्थान के पास बाघ ने दो गायों को मार डाला, जहां रत्नम्मा की मौत हुई थी। मृतक के परिजनों को 15 लाख रूपयों की मुआवजा राशि दी जायेगी। गौरतलब है कि पिछले दो सप्ताह में गांव में यह दूसरा ऐसा हमला था। वीरभद्र भोवी को भी बांदीपुर टाइगर रिजर्व के अतिक्रमित वन क्षेत्र में स्थित बल्लुरु हुंडी में एक बाघ ने मार डाला था।