फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला ने हिरासत में रखे गए 16 नेकां नेताओं की रिहाई के लिए अदालत का खटखटाया दरवाजा

By भाषा | Published: July 13, 2020 06:33 PM2020-07-13T18:33:30+5:302020-07-13T18:33:30+5:30

फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला ने अवैध रूप से" नजरबंद किए गए पार्टी के 16 सदस्यों की जल्द रिहाई के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। केंद्र ने पिछले साल पांच अगस्त को ही पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जे वापस लेने की घोषणा की थी।

Farooq Abdullah, Omar Abdullah knocked court for release of 16 NC detained leaders | फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला ने हिरासत में रखे गए 16 नेकां नेताओं की रिहाई के लिए अदालत का खटखटाया दरवाजा

फारूक, उमर ने हिरासत में रखे गए 16 नेकां नेताओं की रिहाई के लिए अदालत का किया रुख

Highlightsनेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने 16 सदस्यों की जल्द रिहाई का अनुरोध करते हुए सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। केंद्र ने पिछले साल पांच अगस्त को ही पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जे वापस लेने की घोषणा की थी।

श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने पिछले साल पांच अगस्त से अपने घरों में "अवैध रूप से" नजरबंद किए गए पार्टी के 16 सदस्यों की जल्द रिहाई का अनुरोध करते हुए सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। केंद्र ने पिछले साल पांच अगस्त को ही पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जे वापस लेने की घोषणा की थी।

पार्टी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार नेकां अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला तथा नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों की "असंवैधानिक और अवैध नजरबंदी" को चुनौती देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं दायर कीं। बयान के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री, फारूक अब्दुल्ला ने अली मोहम्मद सागर, अब्दुल रहीम राठेर, नासिर असलम वानी, आगा सैयद महमूद, मोहम्मद खलील बंद, इरफान शाह और साहमीमा फिरदौस की रिहाई के लिए याचिका दायर की है।

उनके पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मोहम्मद शफी उरी, आगा सैयद रूहुल्ला मेहदी, चौधरी मोहम्मद रमज़ान, मुबारक गुल, वशीर वीरी, अब्दुल मजीद लारमी, बशारत बुखारी, सैफुद्दीन भट और मोहम्मद शफी की नजरबंदी को चुनौती दी है। वरिष्ठ वकील शरीक रियाज ने दोनों नेताओं की ओर से याचिकाएं दायर की हैं। पार्टी प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा कि सख्त लोक सुरक्षा कानून के तहत हिरासत से रिहा किए जाने के बाद पार्टी सदस्यों को लगातार नजरबंद रखा गया है। उन सदस्यों को राहत मुहैया कराने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटने का निर्णय लिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी प्रशासनिक आदेश के बिना नजरबंदी गैराकानूनी है और यह मानव अधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को कमतर करती है।’’ प्रवक्ता ने उम्मीद जताई कि अदालत से उनके सहयोगियों को राहत मिलेगी जो बिना किसी गलती के भी पांच अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35 ए के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद से परेशानी झेल रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लिए एकमात्र रास्ता बचा था। हमें उम्मीद है कि अदालत हमारे सहयोगियों की नागरिक स्वतंत्रता को बरकरार रखेगी, जिनमें से अधिकतर की तबियत ठीक नहीं है।’’

Web Title: Farooq Abdullah, Omar Abdullah knocked court for release of 16 NC detained leaders

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