जो किसान पराली जलाएंगे वे सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रह जाएंगेः नीतीश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 15, 2019 07:29 PM2019-10-15T19:29:21+5:302019-10-15T19:29:21+5:30
पहले दिल्ली-पंजाब में इसका प्रचलन ज्यादा था जिसका असर दिल्ली के वातावरण पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि बिहार में भी कुछ जगहों पर अब पराली जलायी जाने लगी है। हवाई यात्राओं के दौरान मुझे भी इसका आभास हुआ। इसे रोकने के लिए कृषि विभाग को अभियान चलाने की सलाह दी गई है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो किसान पराली जलाएंगे वे सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रह जाएंगे। फसल अवशेष प्रबंधन पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए नीतीश ने कहा कि फसल कटाई के बाद पराली जलाने से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है।
पहले दिल्ली-पंजाब में इसका प्रचलन ज्यादा था जिसका असर दिल्ली के वातावरण पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि बिहार में भी कुछ जगहों पर अब पराली जलायी जाने लगी है। हवाई यात्राओं के दौरान मुझे भी इसका आभास हुआ। इसे रोकने के लिए कृषि विभाग को अभियान चलाने की सलाह दी गई है।
नीतीश ने कहा कि इसके विरुद्ध पंजाब और हरियाणा में भी अभियान चलाया गया है लेकिन फिर भी यह रुक नहीं पा रहा है। इसके मूल कारणों को भी जानना-समझना होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को यह बात समझानी होगी कि पराली जलाने से खेती की उपज में कमी तो आती ही है और साथ ही पर्यावरण संकट भी पैदा हो रहा है।
नीतीश ने कहा कि किसानों को यह समझाना होगा कि अगर पराली का दूसरे कार्यों में उपयोग किया जाए, जैसे पराली को इकट्ठा कर कई अन्य प्रकार के चीजों का निर्माण कराया जाए तो अनाज के साथ-साथ इससे भी किसानों की आमदनी बढेगी। उन्होंने कहा कि किसानों की हर संभव सहायता कर रहे हैं लेकिन जो किसान पराली जलाएंगे वे सरकार की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रह जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत की गई है। जल और हरियाली है तभी जीवन है। इस अभियान के अंतर्गत 11 प्रकार की कार्य योजना तैयार की गई है।