Farmers protest: किसान आंदोलन खत्म करने का ऐलान, 11 दिसंबर से घर वापसी
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 9, 2021 02:54 PM2021-12-09T14:54:16+5:302021-12-09T18:55:27+5:30
Farmers protest: संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि किसान आंदोलन स्थगित हो गया है। 13 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर में विशेष अरदास की जाएगी। किसानों की जीत हुई है।
नई दिल्लीः संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गुरुवार को साल भर से चले आ रहे किसानों के धरने को खत्म करने की घोषणा की। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि उनकी लंबित मांगों को लेकर केन्द्र के संशोधित मसौदा प्रस्ताव पर आम सहमति बन गई है।
दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चारुनी ने कहा कि हमने अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया है। हम 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे। अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती है, तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं।
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि किसानों की ऐतिहासिक जीत, हम उन लोगों से माफी मांगते हैं, जिन्हें प्रदर्शन के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। किसानों के लंबित मुद्दों पर केंद्र से मसौदा प्रस्ताव मिलने के बाद आज एसकेएम की बैठक में यह फैसला लिया गया।
We have decided to suspend our agitation. We will hold a review meeting on Jan 15. If Govt doesn't fulfill its promises, we could resume our agitation: Farmer leader Gurnam Singh Charuni following a meeting of Samyukta Kisan Morcha in Delhi pic.twitter.com/lWKMdtjeRI
— ANI (@ANI) December 9, 2021
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसानों का आंदोलन स्थगित हो गया है। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक 15 जनवरी को होगी। किसान 11 दिसंबर को अपने घर जाते हुए विजय मार्च निकालेंगे।राजेवाल ने कहा कि हम किसान को झुका कर जा रहे हैं। मोर्चा ने कहा कि 11 दिसंबर से आंदोलनकारी किसान घर को जाएंगे।
Farmers start removing tents from their protest site in Singhu on Delhi-Haryana
— ANI (@ANI) December 9, 2021
"We are preparing to leave for our homes, but the final decision will be taken by Samyukt Kisan Morcha," a farmer says pic.twitter.com/rzRjPkPfE1
एसकेएम के सूत्रों के अनुसार भेजे गए नए प्रस्ताव में स्पष्ट किया गया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बनी समिति में सरकार एसकेएम के सदस्यों को शामिल करेगी और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की सरकारें किसानों के खिलाफ दर्ज मामले तुरंत प्रभाव से वापस लेने पर सहमत हो गई हैं। दिल्ली में किसानों के खिलाफ दर्ज मामले भी वापस लिए जाएंगे।
Protesting farmers receive a letter from Govt of India, with promises of forming a committee on MSP and withdrawing cases against them immediately
— ANI (@ANI) December 9, 2021
"As far as the matter of compensation is concerned, UP and Haryana have given in-principle consent," it reads pic.twitter.com/CpIEJGFY4p
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान पिछले वर्ष 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। संसद में 29 नवंबर को विधेयक पारित कर तीनों विवादास्पद कृषि कानून वापस ले लिए गए, जो प्रदर्शनकारी किसानों की मुख्य मांग थी, लेकिन गतिरोध बना रहा क्योंकि प्रदर्शनकारी एमएसपी पर कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों को पूरा करने पर अड़े रहे।